उत्तर प्रदेश में 52 आईपीएस अफसरों को नए साल का तोहफा मिला है. लक्ष्मी सिंह समेत तीन अधिकारियों को ADG बनाया गया है, तो वहीं अन्य अधिकारियों को भी उनके रैंक के हिसाब से प्रमोशन मिला है.
इन अधिकारियों का हुआ प्रमोशन
साल 2000 बैच के तीन अधिकारी - लक्ष्मी सिंह, प्रशांत कुमार द्वितीय और नीलाब्जा चौधरी एडीजी बनाए गए हैं. इसके अलावा 2007 के 9 आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी से आईजी के पद पर प्रमोट किया गया है. इनमें विपिन कुमार मिश्रा, अमित पाठक, रवि शंकर छवि, विनोद कुमार सिंह, भारती सिंह, जोगिंदर कुमार, राकेश प्रकाश सिंह, योगेश सिंह और गीता सिंह शामिल हैं.
वहीं, 2011 बैच के 25 आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी के रैंक पर प्रमोशन मिला है. इनमें राजेश कुमार सिंह, अजय कुमार, अभिषेक सिंह, देव रंजन वर्मा, राजेश एस, हेमंत कुटियाल, शालिनी, स्वप्निल ममगाई, डी प्रदीप कुमार, सूर्यकांत त्रिपाठी, विकास कुमार वैद्य, राजेश कुमार सक्सेना, डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी, अरविंद कुमार मौर्य, आलोक प्रियदर्शी, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सुनीता सिंह, सुधा सिंह, दिनेश सिंह, शैलेश कुमार पांडे, कमला प्रसाद यादव, रामबदन सिंह, तेज स्वरूप सिंह, सुभाष चंद्र शाक्य और हृदयेश कुमार शामिल हैं.
पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नति होने पर पुलिस अधिकारीगण #NoidaPolice द्वारा @CP_Noida से भेंट कर पुष्प गुच्छ देकर शुभकामनाएं दी गई। pic.twitter.com/Li9i0meU2K
— CP Noida (@CP_Noida) January 1, 2025
लक्ष्मी सिंह का नाम चर्चा में क्यों?
लक्ष्मी सिंह को साल 2014 में डीआईजी पद पर प्रमोशन मिला था. बताया जाता है कि वो योगी सरकार की सबसे भरोसेमंद अधिकारी हैं. 2018 में उन्हें आईजी के पद पर प्रमोट किया गया था. आपको बता दें कि विकास दुबे कांड के जांच की जिम्मेदारी भी लक्ष्मी सिंह को ही सौंपी गई थी. इतना ही नहीं, उन्नाव में खेत में रस्सी से बंधी लड़कियों का मामला हो या बुंदेलखंड में डकैतों का सफाया, लक्ष्मी सिंह ने हर जिम्मेदारी बखूबी निभाई और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.
ये भी पढ़ेंः '2025 में खत्म कर देंगे बेरोजगारी और पलायन', तेजस्वी यादव ने खाई कसम