बिना किसी शर्त के प्यार क्या होता है, यह हमारी मां ही बता सकती हैं. एक मां बच्चे को जिंदगी देने के साथ ही जीवनभर सीख और प्यार देती हैं. अगर कोई इंसान अपनी व्यस्त जिंदगी से कुछ पल निकाले और सोचे कि आज हम जो कुछ भी हैं, उसके पीछे कौन है, तो सिर्फ एक जवाब मिलेगा कि हमारी सफलता में सबसे बड़ा हाथ मां का है. मां की अहमियत को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है. हालांकि, हमारी ये सच है कि मां के बलिदानों को सम्मान देने के लिए कोई एक खास दिन काफी नहीं है, बल्कि पूरी जिंदगी भी मां के लिए समर्पित कर दिया जाए तो भी मां के प्यार के आगे कम है. लेकिन फिर भी पूरी दुनिया में मई के दूसरे रविवार को हर साल मदर्स डे मनाया जाता है ताकि मां के उस प्यार और सीख को सम्मान दिया जाए, जो वह जिंदगी भर हमारे उपर न्योछावर करती हैं.
आपको बता दें कि इस साल यह खास दिन 12 मई को मनाया जा रहा है.
मदर्स डे का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि यह मातृत्व के उत्सव को मनाया जाने वाला एक बहुत प्राचीन यूनानी और रोमन त्योहार है, जिसमें मातृदेवी की पूजा की जाती थी. इसके बाद ईसाई धर्म ने भी इसे मदर मैरी को सम्मान देने के लिए अपनाया. तब इस त्योहार को "मदरिंग संडे" नाम दिया गया.
मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका में एना जार्विस ने की थी, जो अपनी का सम्मान करना चाहती थीं. वेस्ट वर्जीनिया में एना ने अपनी मां के लिए एक मेमोरियल रखा और इस दिन को मान्यता प्राप्त अवकाश घोषित करने के लिए अभियान चलाया. जिसके बाद औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने अमेरिका में मदर्स डे को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी. तब से हर साल अमेरिका, भारत और यूरोप सहित कई देशों में मदर्स डे धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा.
मदर्स डे का महत्व
हर व्यक्ति के जीवन में इस दिन का बड़ा महत्व है, क्योंकि यह हमे जन्म देने वाली मां को समर्पित एक बेहद खास दिन होता है, जिनके बीना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते. भारत में इस खास दिन को मई महिने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, जबकि दुसरे देशों में इसे साल के अलग-अलग दिन मनाया जाता है.
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