हनीट्रैप में फंसाकर 100 से ज्यादा लोगों का करवा चुके थे धर्मांतरण, पादरी व उसकी पत्नी गिरफ्तार

    इस गैंग का खुलासा करीब तीन महीने पहले हुआ था. उस वक्त गाजियाबाद के मोदीनगर थाने की पुलिस ने पादरी महेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन उस वक्त उनकी पत्नी सीमा पर भागने में कामयाब हो गई थीं.

    हनीट्रैप में फंसाकर 100 से ज्यादा लोगों का करवा चुके थे धर्मांतरण, पादरी व उसकी पत्नी गिरफ्तार

    देश की राजधानी से सटे गाजियाबाद में धर्मांतरण गिरोह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यहां एक पादरी अपनी पत्नी के साथ मिलकर युवाओं को हनीट्रैप में फंसाता था और फिर उन पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाता था. यह गिरोह अब तक 100 से अधिक युवकों का धर्म परिवर्तन करा चुका है, जबकि ये लोग जल्द ही एक दर्जन युवाओं का धर्म परिवर्तन कराने वाले थे. पादरी की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है. पता चला है कि इस गिरोह में कुछ अन्य महिलाएं भी शामिल हैं.

    तीन माह पहले मिली थी इनपुट

    बता दें कि इस गैंग का खुलासा करीब तीन महीने पहले हुआ था. उस वक्त गाजियाबाद के मोदीनगर थाने की पुलिस ने पादरी महेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन उस वक्त उनकी पत्नी सीमा पर भागने में कामयाब हो गई थीं. अब दो दिन पहले गाजियाबाद पुलिस ने सीमा को भी हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया है. एसीपी ज्ञान प्रकाश राय के मुताबिक सीमा मुंबई भागने की फिराक में थी. इसी बीच पुख्ता इनपुट मिलने पर पुलिस ने हापुड में छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया. 

    पादरी को भेजा गया जेल

    पुलिस के मुताबिक, मोदीनगर थाना क्षेत्र के गांव शाहजहांपुर में रहने वाली एक छात्रा के परिजनों ने पादरी महेंद्र और उसकी पत्नी सीमा के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने की शिकायत दी थी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर पादरी महेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. महेंद्र से पूछताछ में पुलिस को कई जानकारियां मिलीं, पादरी की पत्नी सीमा के फरार होने के कारण इन जानकारियों की पुष्टि नहीं हो सकी.

    मुंबई भागने की तैयारी में थी सीमा

    अब दो दिन पहले पुलिस ने सीमा को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक सीमा का मायका मुंबई में है और अब वह मुंबई भागने की फिराक में थी. मामले की जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पादरी महेंद्र और उनकी पत्नी सीमा ने हापुड़ में बेथलम गॉस्पेल ट्रस्ट और इसी नाम से एक चर्च की स्थापना की है. दोनों को धर्म परिवर्तन के लिए हर महीने करीब एक लाख रुपए मिलते थे. ये लोग जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराते थे, उन्हें कुछ पैसे भी दिए जाते थे.