पीएम मोदी ने तोड़ा केजरी 'वॉल'! पढ़िए The JC Show का संपूर्ण विश्लेषण

    भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का संपूर्ण विश्लेषण पढ़िए.

    Modi Breaks Kejri Wall Complete analysis of The JC Show
    पीएम मोदी ने तोड़ा केजरी 'वॉल'! पढ़िए The JC Show का संपूर्ण विश्लेषण

    नई दिल्ली : भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show दिल्ली चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत के टॉपिक पर था, जिसमें डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि पीएम मोदी ने केजरी 'वॉल' को कैसे तोड़ा और दिल्ली का अगला सीएम कौन हो सकता है. इसके अलावा भी इस शो में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. आइए पढ़ते हैं The JC Show का संपूर्ण विश्लेषण.

    सवालः Modi Breaks Kejri 'Wall'- इस घटनाक्रम को आप दिल्ली की सियासत में कैसे देखते हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि पीएम मोदी आज गदगद होंगे. फ्रांस और अमेरिका की यात्रा के दौरान उनके चेहरे पर आपको खास विजयी मुस्कान दिखाई देगी. पीएम मोदी की नजर में दिल्ली की विजयी उनकी सबसे बड़ी विजयी है. 11 सालों से जबसे वो पीएम बने हैं, उनके मन में एक पीड़ा थी कि सारा संसार जीता, लेकिन घर में हारे, दिल्ली नहीं जीत पाए. इसबार चुनाव से पहले उन्होंने अपने प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह को बुलाकर दो टूक कहा था कि रणनीति की जीत तभी मानी जाएगी, जब हम दिल्ली जीत पाएंगे. इस बात को अमित शाह ने बहुत गंभीरता से लिया और आज परिणाम सबके सामने है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि केजरी 'वॉल' को नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है या यूं कहिए कि मोदी ने अपना बुल्डोजर केजरीवाल की इस दीवार पर चला दिया है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि आज के दिन केजरीवाल की उस चेतावनी को लोग याद करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था मुझे हराने के लिए नरेंद्र मोदी को दूसरा जन्म लेना पड़ेगा. 

    सवालः पीएम मोदी ने दिल्ली चुनाव में आप 'दा' हटाओ नारा दिया, ये कितना असरदार रहा?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि ये सुपरहिट नैरेटिव था. पीएम मोदी को सरस्वती मां का वरदान है नए-नए नैरेटिव बनाने का और उसका प्रचार करने का. वो कुछ भी कहें, मार्केट में चल जाता है. ये नैरेटिव बहुत इम्प्रेसिव था, जो लोगों के गले में उतरा और काफी पॉपुलर हुआ. मैंने कई लोगों को दिल्ली-जयपुर में इस नैरेटिव को गुनगुनाते हुए देखा. 

    सवालः पूरे देश की तरह, क्या इस बार भी दिल्ली चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि दिल्ली चुनाव न सिर्फ लड़ा गया, बल्कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही जीता भी गया. उनकी पॉपुलरिटी को कोई मैच नहीं कर सकता. यही चुनाव नहीं, आने वाले कई चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़े भी जाएंगे और अधिकांश चुनाव जीते भी जाएंगे.

    सवालः चुनावी विजय के अश्वमेघ घोड़े पर सवार नरेंद्र मोदी का अब आगे का प्लान क्या है?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि आपने सही कहा कि नरेंद्र मोदी अश्वमेघ रथ पर सवार हैं और उनके रथ को रोकने वाला कोई नहीं है. पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. 18 राज्यों में बीजेपी और अलायंस की सरकार है. राम मंदिर बनाने की अभिलाषा पूरी हुई. 370 की पूरी हुई. क्या-क्या नहीं किया पीएम मोदी ने इस 11 वर्ष के कार्यकाल में. इसलिए कहते हैं कि आने वाले 10 साल में उनके ऊपर निगाह रखी जानी है. कभी-कभी ऐसा लगता है कि वो चक्रवर्ती सम्राट की मुद्रा में हैं और उस रास्ते पर वो देश-विदेश के लिए, भारत के लिए तेजी से चल पड़े हैं. एक ज्योतिष ने मुझसे कहा कि 5 फरवरी 2025 से 5 फरवरी 2035 तक पीएम मोदी का सर्वोत्तम काल होने वाला है. उनका ये भी कहना है कि तीन साल बाद विपक्ष मजबूत होगा, लेकिन पीएम मोदी को हरा नहीं पाएगा. मैंने एक ज्योतिष से पूछा कि आपका टैरो क्या कहता है केजरीवाल के भविष्य के बारे में? उनका जवाब आया- हार्टब्रेक. मन में जिज्ञासा हुआ कि मोदी जी के बारे में क्या कहना है तो उन्होंने कहा कि 10 साल तक ऐसा ही चलेगा. इसके अलावा, जब तक वो जीवित हैं, सत्ता के शीर्ष पर रहेंगे. आप भविष्यवाणी को छोड़ दीजिए, तब भी आज दूर-दूर तक पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई नहीं है. मेरे ख्याल से अब उनका एक ही एजेंडा बचा है, वो है- विकसित भारत 2047.

    सवालः पीएम मोदी ने वोटिंग से पहले कार्यकर्ताओं से वर्चुअल बातचीत की थी. उन्होंने अपनी इस मीटिंग में ऐसा क्या कह दिया? ये हर कोई जानना चाहता है.

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि पीएम मोदी अपनी वाणी से लोगों में उत्साह भरते हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को प्रेरणा दी कि जिस भी बूथ पर पोल हो, उसका 50 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिले. उसका परिणाम हमारे सामने है.

    सवालः क्या बीजेपी की जीत दिल्ली की राजनीति में आई एक ताजा हवा के झोंके के समान है?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा बिल्कुल है. पीएम मोदी ने खुद कहा कि जो लोग आए थे, उनका कहना था कि हम राजनीति छोड़कर काम करेंगे और वो पक्के बेइमान निकले. उन्होंने ये भी कहा कि शॉर्ट कट वाले आए थे, शॉर्ट सर्किट हो गए. ये भी कहा कि अन्ना हजारे की आत्मा आज चैन में होगी. उनकी पीड़ा दूर हो चुकी होगी. दिल्ली में ऐसा माहौल बन गया कि कभी भ्रष्टाचार तो कभी प्रदूषण की बात हो रही थी. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ताजे हवा के झोंके के समान होगी. दिल्लीवासियों की पुरानी अभिलाषा पूरी होगी.

    सवालः पीएम मोदी ने कहा कि जो दिल्लीवालों से लूटा है, वो लौटाना पड़ेगा. इसके मायने क्या हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि पीएम मोदी का एंटी करप्शन एजेंडा और तेजी से काम करेगा. आप के वो सारे स्कैंडल, जो किसी की नजर में नहीं आए और जिसपर कार्रवाई नहीं हुई, उनमें नए सिरे से कार्रवाई होगी. जो पुराने स्कैंडल हैं, उस पर सरकारी एजेंसियां तेजी से काम करेंगी. कुल मिलाकर अगला एक साल AAP के लिए और नरेंद्र मोदी के लिए एंटी-करप्शन एजेंडे की तरह होगा. 

    सवालः दिल्ली एक तरह से एक इंटरनेशनल कैपिटल भी है, क्योंकि यहां कई देशों के दूतावास भी हैं. ऐसे में बीजेपी की जीत से क्या मैसेज गया?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि उनका एक ही मैसेज है- भारत के पास अब सबसे मजबूत प्रधानमंत्री है, जो कुछ भी जीत सकता है और किसी को भी हरा सकता है. 

    सवालः अमेरिका के टॉप पॉडकास्टर पीएम मोदी का इंटरव्यू लेना चाहते हैं. तो भारत से अमेरिका तक पीएम मोदी की दीवानगी के प्रति एक्स फैक्टर क्या है?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि पीएम मोदी का ऐसा व्यक्तित्व है. उन्होंने एक बार कहा भी था कि ईश्वर ने मुझे कुछ करने के लिए भेजा है. पूरी दुनिया में कहीं भी चले जाइए, कोई राष्ट्र हमारे पक्ष में है या विपक्ष में, वो मोदी-मोदी की बात जरूर करेगा. अमेरिका के टॉप पॉडकास्टर ने भी पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जताई है. उन्होंने अपने आर्टिकल में लिखा कि मैं पीएम मोदी के आकर्षक व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हूं. मैं उनसे जल्द मिलना चाहता हूं. मैं इंतजार नहीं कर सकता. 

    सवालः पीएम मोदी के परीक्षा पर चर्चा के प्रयोग को आप किस तरह से देख रहे हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि ये नई पहल है. ये शिक्षा के क्षेत्र में दबाव महसूस कर रहे छात्रों के जीवन में एक ताजा हवा का झोंका है. एक उम्मीद की किरण है. आप कोटा को ही ले लीजिए, हर रोज कोई न कोई बच्चा फांसी पर लटक जाता है. वो टारगेट को अचीव नहीं कर पाता. पीएम मोदी इससे बहुत चिंतित हैं और इसलिए उन्होंने ये कार्यक्रम शुरू किया है ताकि पैरेंट्स को, बच्चों को मैसेज जाए कि तनाव में ना रहो. परीक्षा जीवन नहीं है, जीवन का एक हिस्सा है. इस कार्यक्रम से बच्चों को एक नई उमंग मिलती है.

    सवालः दिल्ली चुनाव में अमित शाह की पॉलिटिकल स्ट्रैटजी कितनी काम आई? दिल्ली में सरकार बनाने के पीएम मोदी के सपने में अमित शाह के योगदान को आप कैसे देखते हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि अमित शाह का इसमें बहुत बड़ा योगदान है. वो नरेंद्र मोदी के सुपरविजन में मैन ऑफ द मैच हैं. पीएम मोदी ने उन्हें जो टारगेट दिया था, उसे उन्होंने स्वीकार किया और लागू करके दिखाया. ये खासियत है अमित शाह की. जो जिम्मेदारी हाथ में लेते हैं, उसको प्राप्त करके ही रहते हैं.

    सवालः अमित शाह के व्यक्तित्व में अब Tough Rules की इमेज में बदलाव नजर आ रहा है, इसे आप कैसे देखते हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि बिल्कुल फैक्ट है ये. अमित शाह के व्यक्तित्व में जो Flexibility का ये नया बदलाव है, इससे मीडिया में तो लोग बहुत खुश हैं. वो लोगों के साथ बैठते हैं, नॉर्मल डायलॉग करते हैं. पहले ऐसा लगता था कि वो गुस्से में रहते हैं, लेकिन अब बदलाव आया है.

    सवालः दिल्ली में ये नजरिया है कि बीजेपी पंजाबियों और बनियों की पार्टी है, इस मिथ को अमित शाह ने कैसे तोड़ा?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि अमित शाह कुछ भी कर सकते हैं और लॉजिकल तरीके से करते हैं. अमित शाह चाहते हैं कि पार्टी को एक्सपैंड किया जाए. केवल वर्ण विशेष की पार्टी ना रहे. तो उन्होंने दलित को जोड़ा. ओबीसी को जोड़ा. इस झुग्गी-झोपड़ी पॉलिटिक्स में अमित शाह ने एंट्री की. कई झुग्गी-बस्तियों के अध्यक्षों को घर बुलाकर मीटिंग की. उन्हें कन्विंस किया. आज इस रणनीति का असर हमारे सामने है.

    सवालः अब दिल्ली में कौन होगा बीजेपी का सीएम? इस बारे में आपका क्या आकलन है?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि बीजेपी अब अटल बिहारी और आडवाणी की बीजेपी नहीं है. ये नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नड्डा की बीजेपी है. इसके फैसले अलग तरह से होते हैं. ये मुख्यमंत्री का चयन ऐसे करते हैं जैसे मिनी प्राइम मिनिस्टर का चयन कर रहे हों. ऐसा कहा जा रहा है कि जो नया सीएम हो, वो हाई प्रोफाइल ना हो. दिल्ली के मुख्यमंत्री का चयन एक बड़ा एक्सरसाइज हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद ही दिल्ली सीएम की शपथ होगी. नाम बहुत सारे हैं. स्वाभाविक नाम प्रवेश वर्मा का है, जिन्होंने केजरीवाल को हराया है. हालांकि, पिछले चार दिनों से वो मुख्यमंत्री जैसा व्यवहार कर रहे हैं, गाड़ी में घूम रहे हैं. आलाकमान ने उनसे कहा कि अभी सीएम जैसे मत दिखो, इससे चांसेज खराब होते हैं. इसके अलावा, वीजेंद्र, रेखा गुप्ता का नाम सामने आ रहा है, लेकिन नरेंद्र मोदी, अमित शाह की सीक्रेसी का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. कोई चौंकाने वाला चेहरा जरूर आ सकता है. ये तो साफ है कि कोई विधायक ही सीएम फेस हो सकता है, पैराशूट से किसी को नहीं उतारा जाएगा. भाजपा के मॉडल के अनुसार, एक डिप्टी सीएम भी होगा. इसके अलावा, दलित सीएम भी हो सकता है, लेकिन जिस दलित की संभावना थी, वो चुनाव हार गए. 

    सवालः दिल्ली की नई भाजपा सरकार के सामने क्या चुनौतियां हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती है कि जो घोषणाएं की हैं, जो वादे किए हैं, उनको लागू करना है. केजरीवाल का सबसे बड़ा गुनाह यही था कि उन्होंने जो वादे किए, वो पूरे नहीं किए. जनता में उनका भरोसा टूटा. बीजेपी को इस मामले सावधानी बरतनी होगी. कम से कम 5 बड़े वादे तुरंत लागू होते दिखने चाहिए. इस बार पीएम मोदी की क्रेडिबिलिटी दांव पर है, क्योंकि उनके चेहरे पर चुनाव जीता गया है. 

    सवालः AAP की इस शर्मनाक हार में आखिर खुद कैसे चुनाव हार गए केजरीवाल और सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि आजकल जनता Decisive Mandate देती है. दूसरा ये कि केजरीवाल के चेहरे को नरेंद्र मोदी ने ऐसा  Dismantle कर दिया था कि वो चुनाव लड़ने लायक नहीं थे. उनपर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगे कि उनकी पर्सनैलिटी खत्म हो गई. सिसोदिया की हार को भी इसी संदर्भ में देखना चाहिए. हालांकि, वो केजरीवाल से बेहतर उम्मीदवार माने जाते थे, लेकिन फिर भी हार गए. 

    सवालः आखिर ऐन वक्त पर क्यों हो गया राहुल गांधी और केजरीवाल में मोहभंग?

    इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि मुझे लगता है कि दोनों नेताओं के बीच Maturity की कमी के कारण ऐसा हुआ. दोनों दल अपने-अपने सलाहकारों के हाथों में खेल गए. यही वजह रही कि गठबंधन नहीं हो सका, और यह भाजपा के लिए Golden Opportunity बन गई. इनका गठबंधन क्यों टूटा? इसका तत्कालीन कारण ये था कि यूपी में जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस को सीटें नहीं दी तो कांग्रेस ने थैंक यू बोलकर फ्रैंडली सपोर्ट करने की बात कही. हरियाणा में 6 सीटें आप को देने की बात बनी. केसी वेणुगोपाल और राघव चड्डा के बीच सहमति बनी. दोनों को राहुल गांधी और केजरीवाल ने अधिकृत किया था. जब बात बनने लगी तो अजय माकन ने कहा कि नहीं होना चाहिए. हुड्डा ने कहा कि हम जीती सीट उनको क्यों दे रहे हैं. वार्ता टूट गई. इसके बाद दोनों के बीच गठबंधन नहीं हुआ. दिल्ली में उन्होंने कहा कि हम साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन अपनी-अपनी सीट पर खुद लड़ेंगे. इसी बीच में अजय माकन ने ट्वीट कर दिया कि केजरीवाल राष्ट्रविरोधी हैं और इसका खुलासा मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में करूंगा. जैसे ही ये ट्वीट जारी हुआ, ममता-उद्धव सबको फोन गया. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित हो गई. फिर अचानक, दूसरे दिन ममता और सपा ने एकतरफा सपोर्ट केजरीवाल को दे दिया. राहुल ने कहा कि मैं पार्टनर हूं अलायंस में और मुझे ही नहीं बताया जा रहा. इस बात पर राहुल गांधी हर्ट हुए. राहुल गांधी अब मैदान में आ गए और केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाने लगे. इसी तरह आरोप-प्रत्यारोप में दोनों नष्ट हो गए. 

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