'मिमी' के शानदार 3 साल: कृति सेनन के नेशनल अवॉर्ड जीतने की अनकही कहानी

    2021 में रिलीज हुई "मिमी" में कृति ने एक सरोगेट मां का किरदार निभाया था. जिससे उन्हें खूब सराहना ही नहीं मिली बल्कि उन्हें नेशनल अवॉर्ड तक भी दिया गया. इस परफॉर्मेंस के साथ वह बॉलीवुड की सबसे वर्सेटाइल एक्ट्रेसेज में से एक बन गईं.

    Mimis 3 Years The Untold Story of Kriti Sanons National Award Winning Story
    'मिमी' के शानदार 3 साल: कृति सेनन के नेशनल अवॉर्ड जीतने की अनकही कहानी/Photo- Internet

    मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन इस महीने अपना बर्थडे ही नहीं सेलिब्रेट कर रही हैं बल्कि एक और अहम मुकाम भी हासिल कर रही हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उनकी यादगार फिल्म "मिमी" की जिसे रिलीज हुए 3 साल हो गए हैं. 2021 में रिलीज हुई "मिमी" में कृति ने एक सरोगेट मां का किरदार निभाया था. जिससे उन्हें खूब सराहना ही नहीं मिली बल्कि उन्हें नेशनल अवॉर्ड तक भी दिया गया. इस परफॉर्मेंस के साथ वह बॉलीवुड की सबसे वर्सेटाइल एक्ट्रेसेज में से एक बन गईं.

    कृति सेनन का किरदार मिमी में एक क्यूट, चीयरफुल और एंबिशियस लड़की का है, जो अपने सरोगेट बच्चे को बहुत प्यार करती है और एक अच्छी मां बन जाती है. कृति के इस किरदार ने सभी का दिल जीता है और यह उनके सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले रोल्स में से एक है. ऐसे में फिल्म की तीसरी एनिवर्सरी के मौके पर यह परफेक्ट समय है की कृति के रिमारकेबल परफॉर्मेंस को याद किया जाए, जिसके जरिए उन्होंने मिमी में जान फूंकी थी.

    कृति ने दो महीनों में बढ़ाया था 15 किलो वजन

    किरदार को असल रूप देने के लिए कृति ने नेचुरल तरीके से वजन बढ़ाया था, और किसी तरह के बॉडी सूट का इस्तेमाल नहीं किया था. किरदार के लिए अपनी तैयारी के बारे में बात करते हुए कृति ने अपने पुराने इंटरव्यू में कहा था, "मुझे 'मिमी' के लिए दो महीनों में 15 किलो वजन बढ़ाना पड़ा, जिसे मैं फिल्म पूरी होने के बाद ही कम कर सकी." इस तरह से किरदार को पूरी तरह से अपनाने के लिए उनकी यह डेडीकेशन, एक एक्ट्रेस के रूप में कृति के जुनून को दर्शाती है.

    मिमी में मनोरंजन के साथ-साथ दिल और आत्मा भी थी

    नेशनल अवॉर्ड जीतने के बारे में बात करते हुए कृति ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा, "मिमी हमेशा से ही खास रही है, क्योंकि इसमें मनोरंजन के साथ-साथ दिल और आत्मा भी थी. जब हमने शूटिंग शुरू की, तो सीन्स असल में कागज़ पर दिखाए गए सीन्स से बेहतर निकले, और ऐसा हर फ़िल्म के साथ नहीं होता. सीन्स के साथ फील आ रही थी कि कुछ तो स्पेशल है, भले रिजल्ट कुछ भी क्यों न हो.  लक्ष्मण ,मिमी के निर्देशक मुझे मिमी कहकर बुलाते थे, जो वह आज भी करते हैं. वह हमेशा कहते थे, 'देखना, आपको इसके लिए नेशनल अवॉर्ड पुरस्कार मिलेगा.' तो असल में, जब यह हुआ, तो मैंने उन्हें फोन किया और पूछा, 'आपको कैसे पता चला?' उन्हें बहुत भरोसा था क्योंकि मैं वैसे भी खुद के लिए बहुत क्रिटिकल हूँ."

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