Masik Krishna Janmashtami क्या है? घर-घर में हो रही है भगवान कृष्ण की पूजा, जानिए पौराणिक मान्यताएं

    Masik Krishna Janmashtami इस महीने, आज यानी शुक्रवार, 2 फरवरी 2024 को मनाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन भक्ति भाव से श्री कृष्ण की पूजा करते हैं, उनके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

    Masik Krishna Janmashtami क्या है? घर-घर में हो रही है भगवान कृष्ण की पूजा, जानिए पौराणिक मान्यताएं

    Masik Krishna Janmashtami: मासिक कृष्णजन्माष्टमी उत्सव का बहुत महत्व है. यह त्यौहार भगवान कृष्ण की पूजा को समर्पित है. इस शुभ दिन पर भक्त भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की विशेष पूजा करते हैं. मासिक जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.

    इस महीने यह आज यानी शुक्रवार, 2 फरवरी 2024 को मनाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन भक्ति भाव से श्री कृष्ण की पूजा करते हैं, उनके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पूजा विधि

    यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, इसलिए भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन उपवास रखते हैं. सुबह उठकर पवित्र स्नान करते हैं, इसके बाद भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर उन्हें पंचामृत से स्नान कराते हैं. स्नान के बाद गोपी चंदन का तिलक लगाकर माखन और मिश्री का भोग लगाते हैं. भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों के जाप के साथ आरती और अंत में शंख बजाकर पूजा का समापन करते हैं.

    भक्त जन पूरे दिन उपवास के बाद अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलते हैं. मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में यह भी मान्यता है कि यह पापों का नाश करती है और सभी मनोकामनाएं पूरी करती है.

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

    भगवान कृष्ण के जन्म के पीछे की पौराणिक कहानी लगभग हर संस्कृति में प्रचलित है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण वासुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं और उनसे पहले, अन्य सभी सात पुत्रों को राक्षस राजा कंस ने मार डाला था. ऐसा माना जाता है कि जब लल्ला का जन्म हुआ तो जेल के सभी ताले खुल गए और पहरेदार झपकी लेने लग गए.

    इसके बाद उनके पिता वासुदेव बाल कृष्ण को यमूना पार कर नंद गांव लेकर पहुंचे और नंद बाबा को उन्हें सौंप दिया. अंततः कृष्ण ने कंस का वध किया और अपनी प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. आपको बता दें, कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

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    Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और धर्मग्रंथों के आधार पर जुटाई गई है. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा किसी भी तरह की जिम्मेदारी Bharat 24 नहीं लेता है.