प्लेन के लकी सीट 11A पर नहीं बैठ पाएंगे आप! टिकट बुक करने से पहले एयरलाइंस के इस नियम को जान लीजिए

    यह पहली बार नहीं है जब किसी विमान हादसे में सीट नंबर 11A चर्चा में आई हो. 1998 में थाई एयरवेज के प्लेन क्रैश में भी एकमात्र जीवित बचने वाला यात्री अभिनेता-सिंगर रुआंगसाक लोयचुसाक था — जो उसी सीट, यानी 11A पर बैठा हुआ था.

    lucky seat 11A of plane airlines rules
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद हादसे का शिकार हो गई. इस भयानक दुर्घटना में 270 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 241 यात्री और बाकी क्रू मेंबर्स शामिल थे. लेकिन चमत्कारिक रूप से इस हादसे में एक व्यक्ति जीवित बच गया — विश्वास रमेश कुमार, जो उस वक्त सीट नंबर 11A पर बैठे थे.

    यह पहली बार नहीं है जब किसी विमान हादसे में सीट नंबर 11A चर्चा में आई हो. 1998 में थाई एयरवेज के प्लेन क्रैश में भी एकमात्र जीवित बचने वाला यात्री अभिनेता-सिंगर रुआंगसाक लोयचुसाक था — जो उसी सीट, यानी 11A पर बैठा हुआ था. अब सवाल यह उठता है कि क्या 11A वाकई में "लकी सीट" है? और क्या कोई भी यात्री इस सीट पर बैठ सकता है?

    हर कोई नहीं बैठ सकता 11A सीट पर, जानें क्यों

    सीट नंबर 11A महज कोई आम सीट नहीं है. यह इमरजेंसी एग्जिट रो की सीट होती है, जो कि विशेष परिस्थितियों में ही दी जाती है. खासतौर पर बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जैसे विमानों में, यह सीट विमान के इमरजेंसी गेट के पास होती है और इस पर बैठने वाले पैसेंजर को जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार रहना होता है.

    क्या होती हैं इमरजेंसी सीट पर बैठने की शर्तें?

    इमरजेंसी सीट्स पर बैठने के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं, जिन्हें हर एयरलाइन सख्ती से लागू करती है. आइए जानते हैं वे शर्तें:

    1. उम्र कम से कम 15 साल होनी चाहिए

    कम उम्र के बच्चे या किशोर ऐसी सीट पर नहीं बैठ सकते क्योंकि आपातकालीन स्थिति में सही निर्णय लेना और तेजी से प्रतिक्रिया देना ज़रूरी होता है.

    2. शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए

    इस सीट पर बैठने वाले यात्री को फिट होना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति विकलांग है, गर्भवती है, या चलने-फिरने में असमर्थ है, तो उसे इस सीट पर बैठने की इजाजत नहीं दी जाती.

    3. इमरजेंसी उपकरणों की जानकारी

    यात्री को इमरजेंसी दरवाजा खोलने और अन्य बचाव प्रक्रिया की मूल जानकारी होनी चाहिए. फ्लाइट अटेंडेंट्स इस बारे में उड़ान से पहले जानकारी देते हैं.

    4. भाषा की समझ

    अंग्रेजी या उस देश की स्थानीय भाषा का ज्ञान ज़रूरी है, ताकि इमरजेंसी में दिए गए निर्देशों को तुरंत समझा जा सके.

    5. मानसिक स्थिरता और नशे से दूरी

    अगर कोई यात्री मानसिक रूप से अस्थिर है या नशे की हालत में है, तो उसे इन सीट्स पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाती.

    ज्यादा लेगरूम, लेकिन बड़ी जिम्मेदारी

    बहुत से यात्री इमरजेंसी सीट को केवल अधिक लेगरूम के कारण चुनते हैं, लेकिन एयरलाइंस यह स्पष्ट करती हैं कि यह सीट कोई सुविधा नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है. कुछ एयरलाइंस इस सीट के लिए अतिरिक्त शुल्क भी वसूलती हैं, लेकिन केवल उन्हीं यात्रियों से जो इन शर्तों को पूरा करते हैं.

    भारत में क्या है नियम?

    इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस इन नियमों का पालन DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के निर्देशों के अनुसार करती हैं. फ्लाइट क्रू यह सुनिश्चित करते हैं कि इमरजेंसी सीट पर बैठा यात्री सभी नियमों के योग्य हो. यदि कोई यात्री इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तो उसे अन्य सीट पर स्थानांतरित किया जा सकता है.

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