कोलकाता रेप-हत्या मामला, AIIMS के डॉक्टरों ने की स्वास्थ्यकर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा एक्ट की मांग

    एम्स दिल्ली के डॉक्टर कुमार कार्तिकेय ने कहा कि जब तक उन्हें इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिल जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे. बाकी जगहों के डॉक्टरों ने भी यही बात कही.

    कोलकाता रेप-हत्या मामला, AIIMS के डॉक्टरों ने की स्वास्थ्यकर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा एक्ट की मांग
    एम्स, दिल्ली के डॉक्टर्स सुरक्षा एक्ट की मांग दौरान विरोध-प्रदर्शन करते हुए

    नई दिल्ली : कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की निंदा करते हुए देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग की.

    एम्स दिल्ली के डॉक्टर कुमार कार्तिकेय ने कहा कि जब तक उन्हें इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिल जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे.

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    जब तक नहीं मिलेगा अश्वासन हड़ताल जारी रखेंगे : डॉक्टर

    उन्होंने कहा, "हम शांतिपूर्वक अपनी मांगें रखना चाहते हैं. हम स्वास्थ्यकर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग करते हैं. जब तक हमें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, हम अपनी हड़ताल जारी रखेंगे... हमें उम्मीद है कि आज दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों से लगभग 3000-5000 लोग निर्माण भवन में आएंगे... जब तक हमें कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिल जाता, हम पीछे नहीं हटेंगे या चुप नहीं बैठेंगे."

    आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी में एम्स के जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने भी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में विरोध-प्रदर्शन किया और एक नुक्कड़ नाटक किया.

    एम्स के डॉक्टर से पारदर्शी जांच की मांग की

    एम्स मंगलगिरी में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. श्रीजा ने सीबीआई से पारदर्शी जांच करने का अनुरोध किया.

    उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, आरजी कर में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को भीड़ के हमलों और पुलिस के हमलों का सामना करना पड़ा. अस्पताल में तोड़फोड़ की गई और सबूत मिटा दिए गए. इसकी निंदा करते हुए, हम यहां विरोध कर रहे हैं... यह केवल डॉक्टरों के खिलाफ अपराध नहीं है. यह महिलाओं और मानवता के खिलाफ अपराध है... हम सीबीआई से पारदर्शी जांच करने का अनुरोध करते हैं... पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए... हम सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम की भी मांग करते हैं."

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    चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने का न्याय मिलने तक विरोध जारी रहेगा, मरीज बेहाल

    चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर के मेडिकल प्रोफेशनल्स ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन जारी रखा. डॉक्टरों ने कहा है कि न्याय मिलने तक विरोध जारी रहेगा.

    चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर में आने वाले मरीजों ने बताया कि पिछले 5 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया.

    मरीज नितिन ने कहा, "ओपीडी बंद होने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम काफी दूर से आए हैं."

    एक अन्य मरीज पुष्पा ने कहा, "अगर ओपीडी बंद है तो हमें पहले सूचना देनी चाहिए थी. अब हम आए हैं. हमारा चेकअप पुराने कार्ड पर हो गया है, लेकिन नए डॉक्टर से मिलने का कार्ड नहीं बन रहा है, इसलिए हमें दोबारा आना पड़ेगा."

    मरीज ने कहा- सरकार डॉक्टरों की बात सुने, ताकि हड़ताल खत्म हो

    मरीज गुरप्रीत ने कहा, "हम कल रात से यहां चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई हमारी बात नहीं सुन रहा है और न ही डॉक्टर हमारी बात सुन रहे हैं. सरकार को डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए, ताकि हड़ताल खत्म हो जाए."

    इस बीच, पंजाब के अमृतसर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 16 अगस्त से अगली सूचना तक आउट पेशेंट डिपार्टमेंट, ऑपरेटिंग थिएटर और वार्ड सहित सभी गैर-जरूरी और वैकल्पिक अस्पताल सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है.

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