दोबारा नहीं चालू होगा जेट एयरवेज- SC ने दिया एयरलाइन की सारी प्रॉपर्टी बेचने का आदेश, 2019 से है बंद

    कोर्ट ने यह आदेश नेशनल  कंपनी अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) को फैसले को पलट दिया है. एनसीएलएटी ने मार्च में समाधान योजना के तहत जेट एयरवेज का मालिकाना हक जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को देने का फैसला सुनाया था.

    दोबारा नहीं चालू होगा जेट एयरवेज- SC ने दिया एयरलाइन की सारी प्रॉपर्टी बेचने का आदेश, 2019 से है बंद
    सुप्रीम कोर्ट और जेट एयरवेज कंपनी की एक फ्लाइट | Photo- ANI

    नई दिल्ली : जेट एयरवेज की सेवाएं फिर से शुरू होने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को जेट एयरवेज को लिक्विडेट करने का आदेश दिया है. मतलब की इसकी संपत्ति को जब्त करना और उसे बेचकर कर्ज व देनदारियों को चुकाना है.

    कोर्ट ने यह आदेश नेशनल  कंपनी अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) को फैसले को पलट दिया है. एनसीएलएटी ने मार्च में समाधान योजना (एयरलाइन को संकट से उबरने) के तहत जेट एयरवेज का मालिकाना हक जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को देने का फैसला सुनाया था.

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    आर्थिक संकट से जूझ रहा जेट एयरवेज, 2019 से है बंद

    जेट एयरवेज आर्थिक संकट से जूझने के कारण 2019 से ही बंद है. इस पर कई बैंकों का 4,783 करोड़ रुपये का कर्ज था. सबसे ज्यादा कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का है. एयरलाइन के घाटे में पहुंचने पर बैंकों ने दिवालिया की कार्रवाई शुरू कर दी थी. समाधान योजना के तहत JKC को मालिकाना हक मिलने की उम्मीद थी, जिसके खिलाफ बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

    लोन देने और इसके कर्मचारियों के हित की बात करते हुए फैसला सुप्रीम कोर्ट ने लिक्विडेशन को इसके ऋणदाताओं और कर्मचारियों के हित में होने की बात कही है. जालान-कालरॉक कंसोर्टियम मंजूरी के 5 साल बाद भी समाधान योजना को लागू करने में नाकाम रहा है. अदालत ने 'अजीब और चिंताजनक' हालात के मद्देनजर जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असीमित शक्तियों का इस्तेमाल किया है.

    जेकीसी मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की जॉइंट कंपनी है

    JKC मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की एक जॉइंट कंपनी है. जालान दुबई बेस्ड बिजनेसमैन हैं. वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और ऑल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है.

    जेट एयरवेज की शुरुआत 1990 के दशक नरेश गोयल ने की थी. वह पहले टिकटिंग एजेंट थे, बाद में एंटरप्रेन्योर बने थे. उन्होंने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड की शुरुआत कर लोगों को एअर इंडिया का विकल्प दिया था. एक वक्त जेट के पास कुल 120 प्लेन थे और वो लीडिंग एयरलाइन में से एक हुआ करती थी.

    जेट एयरवेज की टैगलाइन 'दि जॉय ऑफ फ्लाइंग' थी. जब यह कंपनी उठान पर थी तो रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी. बंद होने पर उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे. मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए हो चुका था.

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