मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. इजरायल ने यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले हुदैदाह बंदरगाह पर जबरदस्त हवाई हमला कर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है. यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों द्वारा तेल अवीव के बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में की गई. रविवार को हुए हमले में एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
20 फाइटर जेट्स ने ढाया कहर
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई में 20 फाइटर जेट्स ने भाग लिया और उन्होंने यमन के पश्चिमी तट पर स्थित हुदैदाह और आसपास के क्षेत्रों में रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया. हमला लगभग 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर किया गया, जिसमें बाजिल नामक शहर की एक कंक्रीट फैक्ट्री और हुदैदाह बंदरगाह विशेष रूप से लक्षित रहे. इन ठिकानों पर कुल 50 से अधिक बम गिराए गए. इस ऑपरेशन में इजरायली वायुसेना के टैंकर और निगरानी विमान भी शामिल थे, जो ऑपरेशन की व्यापकता और तैयारी को दर्शाता है.
हूती आतंक तंत्र पर हमला या आर्थिक जड़ें काटने की रणनीति?
IDF ने बयान जारी कर बताया कि यह हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि हूती शासन की आर्थिक और सैन्य संरचना को गहरा झटका देने के उद्देश्य से किया गया है. बाजिल की कंक्रीट फैक्ट्री, जिसका उपयोग सुरंगों और सैन्य ढांचे के निर्माण में होता है, को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया. साथ ही, हुदैदाह पोर्ट को भी निशाना बनाया गया, जिसे ईरानी हथियारों और आतंकवादी सामान के ट्रांसफर के लिए उपयोग किया जाता था.
जनवरी के बाद फिर इजरायली जवाबी कार्रवाई
गौरतलब है कि गाजा युद्ध शुरू होने के बाद यमन पर यह छठा इजरायली हमला है, लेकिन इस साल जनवरी के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. मार्च में अमेरिका द्वारा शुरू किए गए हूती विरोधी सैन्य अभियानों के बाद इजरायल ने यमन पर हमले रोक दिए थे. लेकिन अब, हूतियों द्वारा इजरायल की सीमाओं में बार-बार घुसपैठ और मिसाइल हमलों ने एक बार फिर संघर्ष को भड़का दिया है.
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