नई दिल्ली: मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष के बीच, भारत ने फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
इस प्रारंभिक खेप में 30 टन आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं, जिनमें दवाएं, सर्जिकल आपूर्ति, दंत उत्पाद, सामान्य चिकित्सा वस्तुएं और उच्च ऊर्जा बिस्कुट शामिल हैं, जिन्हें निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के माध्यम से वितरित किया जाएगा.
फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेज रहा है
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "भारत UNRWA के जरिए फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेज रहा है."
पोस्ट में कहा गया, "सहायता की पहली खेप जिसमें 30 टन दवा और खाद्य सामग्री शामिल है, आज रवाना हो गई है. इस खेप में आवश्यक दवाओं और सर्जिकल आपूर्ति, दंत चिकित्सा उत्पाद, सामान्य चिकित्सा वस्तुएं और उच्च ऊर्जा बिस्कुट की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है."
🇮🇳 sends humanitarian assistance for the people of Palestine through UNRWA.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 22, 2024
The first tranche of assistance comprising 30 tons of medicine and food items has departed today.
The consignment includes a wide range of essential medicines and surgical supplies, dental products,… pic.twitter.com/ZlFiKOfezx
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले विश्व खाद्य कार्यक्रम ने उत्तरी गाजा के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि डब्ल्यूएफपी की आपूर्ति कम हो रही है.
बढ़ती हिंसा का खाद्य सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है
12 अक्टूबर को एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, डब्ल्यूएफपी ने लिखा, "उत्तरी गाजा में बढ़ती हिंसा का खाद्य सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है. 1 अक्टूबर के बाद से उत्तर में कोई खाद्य सहायता नहीं आई है. यह स्पष्ट नहीं है कि डब्ल्यूएफपी की शेष खाद्य आपूर्ति कब तक होगी."
इससे पहले 20 अक्टूबर को, संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने आह्वान को दोहराया, बंधकों की रिहाई, फिलिस्तीनियों के विस्थापन को रोकने और मानवीय सहायता की निर्बाध डिलीवरी की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
मानवीय संकट के बीच उत्तरी पट्टी में भयावह दृश्य आ रहे हैं
मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वेन्नेसलैंड द्वारा जारी एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "गाजा में दुःस्वप्न गहरा रहा है. संघर्ष, लगातार इजरायली हमलों और लगातार बिगड़ते मानवीय संकट के बीच उत्तरी पट्टी में भयावह दृश्य सामने आ रहे हैं."
एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि मध्य गाजा में कचरे के ढेर जमा हो रहे हैं, जबकि सीवेज का पानी सड़कों पर लीक हो रहा है.
यूएनडब्ल्यूआरए ने कहा, "परिवारों के पास इस जमा हुए कचरे के बगल में रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिससे उन्हें दुर्गंध और स्वास्थ्य आपदा का आसन्न खतरा हो सकता है." संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया.
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