नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश विरोधी प्रचार फैलाने वाले अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनलों पर बड़ी कार्रवाई की है. चीन और तुर्की के सरकारी समर्थित मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व ट्विटर) से हटा दिया गया है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर जैसे सुरक्षा अभियानों के बाद पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
प्रोपेगेंडा की रणनीति पर लगी रोक
सबसे पहले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के एक्स अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया था. अब तुर्की के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर 'टीआरटी वर्ल्ड' को भी इस सूची में शामिल कर लिया गया है. यह चैनल भारत के खिलाफ लंबे समय से भ्रामक और एकतरफा रिपोर्टिंग कर रहा था, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से.
सूत्रों के अनुसार, टीआरटी वर्ल्ड ने न केवल जम्मू-कश्मीर और भारत-पाक तनाव को लेकर झूठी जानकारियां फैलाईं, बल्कि तुर्की सरकार के समर्थित नजरिए से भारत की नीतियों को बार-बार कटघरे में खड़ा किया. इसके साथ ही, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन द्वारा पाकिस्तान के लिए खुले समर्थन ने भारत में तीव्र प्रतिक्रिया पैदा की.
पाकिस्तान को समर्थन, भारत में गुस्सा
रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा कि तुर्की "हर अच्छे-बुरे वक्त में पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा." उन्होंने पाकिस्तान के लिए "भाईचारा" शब्द का इस्तेमाल किया, जो भारत के विरोध में एक कूटनीतिक संकेत के रूप में देखा गया.
इससे पहले रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और अन्य हथियारों से लैस 6 एयरक्राफ्ट्स भेजे थे. माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने इनका इस्तेमाल भारत पर "हमास स्टाइल" हमलों के लिए किया, हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जवाबी रणनीति ने उन्हें निष्फल कर दिया.
इसके अलावा, तुर्की ने कराची बंदरगाह पर अपना एक युद्धपोत तैनात किया, जिससे साफ संकेत मिला कि वह पाकिस्तान को सैन्य समर्थन देने को तैयार है.
अंतरराष्ट्रीय यात्रा और पर्यटन पर असर
भारत में इन घटनाक्रमों के बाद आम नागरिकों और टूरिज़्म इंडस्ट्री में तुर्की और उसके सहयोगी देशों के प्रति गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है. EaseMyTrip और Ixigo जैसे बड़े ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने तुर्की, अजरबैजान और चीन के लिए फ्लाइट और होटल बुकिंग को या तो निलंबित कर दिया है या उसमें बड़ी कटौती की है.
EaseMyTrip के सीईओ निशांत पिट्टी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हमारे ग्राहकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय भावना को प्राथमिकता देते हुए, हमने तुर्की और अजरबैजान की बुकिंग को फिलहाल रोक दिया है. यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दोनों देशों ने भारत विरोधी गतिविधियों में पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है."
इसी तरह Ixigo के सीईओ आलोक बाजपेयी ने कहा, “खून और बुकिंग एक साथ नहीं बह सकते. यह समय संवेदनशील है, और हमारी जिम्मेदारी है कि हम भारतीय यात्रियों की भावनाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता दें.”
डिजिटल मोर्चे पर भी जवाबी हमला
यह पहली बार है कि भारत ने सीधे तौर पर विदेशी मीडिया संस्थानों के खिलाफ इस तरह का डिजिटल एक्शन लिया है. देश में "फेक न्यूज" और "साइबर प्रोपेगेंडा" से निपटने के लिए बनाए गए आईटी नियम 2021 और साइबर सुरक्षा गाइडलाइंस के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है.
सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, “यह कार्रवाई किसी एक घटना की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है साइबर युद्ध और सूचना युद्ध में देश को सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखना.”
एंटी-ड्रोन डिफेंस की दिशा में बड़ी छलांग
इसी बीच, भारत ने ओडिशा में ‘भार्गवास्त्र’ नामक एक अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन डिफेंस सिस्टम की टेस्टिंग शुरू कर दी है. यह तकनीक, जिनके बारे में बताया जा रहा है कि यह कम्युनिकेशन जैमिंग, लो लेटेंसी रेस्पॉन्स, और रियल टाइम डिटेक्शन जैसी क्षमताओं से लैस है, आने वाले दिनों में भारत की हवाई सुरक्षा रणनीति का मजबूत हिस्सा बन सकती है.
DRDO के एक अधिकारी ने बताया कि “भार्गवास्त्र को सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील सैन्य ठिकानों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. आने वाले समय में इसे LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) और LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर भी तैनात किया जा सकता है.”
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