नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, "सैलजा तो कांग्रेसी है." उन्होंने कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं.
क्या कांग्रेस में दलित नेता की उपेक्षा की जा रही है, इस पर बोलते हुए, सिरसा सांसद ने कहा कि हर समुदाय की अपनी अपेक्षाएं होती हैं; ये सब राजनीति का हिस्सा है.
समुदाय देखता है कि उनके नेता के साथ क्या होता है
सैलजा ने एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "कोई भी किसी का संपूर्ण और एकमात्र नेता नहीं हो सकता है, लेकिन समुदाय देखता है कि उनके नेता के साथ क्या होता है. इसलिए, हर समुदाय की अपनी अपेक्षाएं होती हैं. यह सब राजनीति का हिस्सा है. शामिल होना भी राजनीति का हिस्सा है. सैलजा कभी नहीं गई, ना जाती है. सैलजा क्यों जाएंगी? दिल्ली एक ऐसा केंद्र है जहां बहुत सारी अतार्किक बातें होती हैं. लेकिन मेरे राज्य के लोग मुझे अच्छी तरह से जानते हैं. सैलजा तो कांग्रेसी हैं. मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हूं."
उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हूं. बहुत सारी चर्चाएं होती हैं, कई स्थितियां सामने आती हैं. ये होती रहती हैं. सम्मान तो है इसमें कोई संदेह नहीं है. पद है, सम्मान है. कई बार, कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिससे लोगों को लगता है कि पूरा सम्मान नहीं दिया गया. राजनीति धारणा का खेल है. किसी को भी 100 प्रतिशत टिकट नहीं मिल सकता, ऐसा संभव नहीं होता. यह पार्टी का आंतरिक मामला है. मैं भी पार्टी का हिस्सा हूं और अन्य भी."
सैलजा के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज हो गई थी
इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान कुछ भाजपा नेताओं ने उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज कर दी थीं और दावा किया था कि पार्टी उन्हें उचित सम्मान नहीं दे रही है.
पार्टी में अंदरूनी कलह की अफवाहों के बीच दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए अशोक तंवर के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्हें फैसले के बारे में पता था. सैलजा ने कहा, "मुझे इसके बारे में पहले ही बताया गया था."
तंवर सिरसा से कांग्रेस की कुमारी सैलजा से हार गए
2009 के आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद तंवर सिरसा से कांग्रेस सांसद थे. वह 2024 के आम चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए और सिरसा से चुनाव लड़ा, लेकिन इस सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा से हार गए.
चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों पर अपना भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा, "अभी कांग्रेस की स्थिति वास्तव में अच्छी है. काम हुआ है, राहुल गांधी ने भी काम किया है और कांग्रेस अध्यक्ष ने हरियाणा का दौरा भी किया है. राहुल की यात्रा से वास्तव में फर्क पड़ा है."
हरियाणा में 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जिसकी गिनती 8 अक्टूबर को होगी. 2019 के चुनावों में, भाजपा 40 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस ने 30 सीटों पर जीत हासिल की.
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