जियो क्लाउड में फाइल ट्रांसफर करने का क्या है प्रोसेस? जानें यहां

    रिलायंय कंपनी ने हालही में Jio Cloud को लॉन्च किया है. नए प्रोग्राम के तहत जियो यूजर्स को फ्री में 100GB तक का स्टोरेज स्पेस प्रदान कराया जाएगा. दरअसल ICloud और गूगल सभी यूजर्स को 15GB का फ्री स्टोरेज प्रदान करता है.

    जियो क्लाउड में फाइल ट्रांसफर करने का क्या है प्रोसेस? जानें यहां
    जियो क्लाउड में फाइल ट्रांसफर करने का क्या है प्रोसेस? जानें यहां- फोटोः सोशल मीडिया

    Jio Cloud: रिलायंस कंपनी ने हालही में Jio Cloud को लॉन्च किया है. नए प्रोग्राम के तहत जियो यूजर्स को फ्री में 100GB तक का स्टोरेज स्पेस प्रदान कराया जाएगा. दरअसल ICloud और गूगल सभी यूजर्स को 15GB का फ्री स्टोरेज प्रदान करता है.

    मिलेगी 100 जीबी फ्री स्टोरेज

    अब जियो क्लाउड 100 जीबी फ्री स्टोरेज देने वाला है. अगर इसमें फाइल्स को आखिर अपलोड कैसे करना है यह सवाल सामने आता है. बता दें कि यह काफी आसान है. आज हम आपको इसी का प्रोसेस समझाने आए हैं.

    यह होगा तरीका

    जियो क्लाउड में फाइल्स को अपलोड करने का दो तरीके हैं.  यदि आप अपनी सभी डेटा को बिना व्यक्तिगत रूप से फाइल्स या कंटेंट का चयन किए अपलोड करना चाहते हैं, तो सेटिंग्स स्क्रीन पर जाएं और ऑटो बैकअप स्क्रीन में 'Auto backup' को चालू करें और उस फ़ाइल प्रकार का चयन करें जिसे आप बैकअप करना चाहते हैं.

    फोटो और वीडियो को लिंक करने के लिए कीजिए यह

    बता दें कि अगर आप केवल फोटो या फिर वीडियो म्यूजिक या जरुरी डॉक्यूमेंट्स से लिंक करना चाहते हैं तो इसके लिए आपकी स्क्रीन पर अपलोड का बटन दिखाई दे रहा होगा. जिसपर आपको क्लिक करना है. साथ ही उन फाइल्स को सिलेक्ट करना होगा. जिसे आप यहां अपलोड करना चाहते हैं.

    डेस्कटॉप के लिए अपनाए यह तरीका

    इसी के साथ अगर आप इसे डेस्कटॉप वर्जन पर इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए आपको अपने पीसी या फिर mac book पर जियो क्लाउड फोल्डर पर जाना होगा. यहां वेब से फाइल्स अपलोड करने के लिए, 'Upload files' विकल्प पर क्लिक करें. यदि आप एक साथ कई फाइल्स या फ़ोल्डर्स अपलोड करना चाहते हैं, तो आप JioCloud वेबसाइट पर उपलब्ध Bulk Uploader का उपयोग कर सकते हैं.

    क्लाउड स्टोरेज क्या होता है?

    क्लाउड स्टोरेज आखिर क्या होता है? अगर आप इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं तो बता दें कि क्लाउड स्टोरेज मतलब किसी भी डेटा को कंप्यूटर या फिर आपके फोन में स्टोर करने का एक तरीका होता है. कहा जा सकता है कि यह एक तरह से डिजिटल तरह से सिक्योर किया जाता है. यूजर्स का डेटा फोन या फिर डिवाइस से अलग-अलग सर्वर पर स्टोर किया जाता है. साथ ही इन सर्वरों का मेंटेनेंस एक थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के जरिए किया जाता है. इसके साथ ही प्रोवाइडर यह भी कंफर्म करता है कि उसके सर्वर पर डेटा हमेशा सार्वजनिक या निजी इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से सुलभ हो.

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