कोरियन महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर करता था रेप, हरियाणा के युवक को ऑस्ट्रेलिया में 40 साल की सजा

    ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने हरियाणा के रेवाड़ी निवासी बालेश धनखड़ को 40 साल की सजा सुनाई है. धनखड़ पर आरोप था कि वह कोरियाई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे आपराधिक कृत्य करता था.

    He used to rape Korean women by luring them with jobs Haryana youth sentenced to 40 years in Australia
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने हरियाणा के रेवाड़ी निवासी बालेश धनखड़ को 40 साल की सजा सुनाई है. धनखड़ पर आरोप था कि वह कोरियाई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे आपराधिक कृत्य करता था.

    सफल करियर, लेकिन खतरनाक मंसूबे

    बालेश धनखड़ 2006 में बतौर छात्र ऑस्ट्रेलिया गया था और बाद में डेटा विज़ुअलाइज़ेशन सलाहकार के रूप में प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया. समाज में उसकी अच्छी पहचान थी, लेकिन इसके पीछे छिपे काले सच का खुलासा 2018 में हुआ.

    पुलिस जांच में सामने आया कि 2017 से 2018 के बीच उसने 5 कोरियाई महिलाओं को नौकरी के बहाने बुलाया और फिर उन्हें नशीली दवा देकर उनके साथ अपराध किया. पुलिस ने जब सिडनी स्थित उसके अपार्टमेंट पर छापा मारा, तो वहां से हिडन कैमरे से रिकॉर्ड किए गए दर्जनों वीडियो बरामद हुए.

    आरोपों की गंभीरता और सुनवाई

    2018 में धनखड़ की गिरफ्तारी के बाद मामला कोर्ट में चला, लेकिन उसने एक विशेष आदेश (सप्रेशन ऑर्डर) लेकर अपने मामले को मीडिया में रिपोर्ट होने से रोक दिया.

    2023 में जब यह आदेश हटाया गया, तब पूरी दुनिया को इस अपराध के बारे में पता चला. अदालत में पेश किए गए सबूतों और वीडियो फुटेज में धनखड़ को आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया, जिससे उसके अपराध की पुष्टि हुई.

    कैसे करता था महिलाओं को शिकार

    धनखड़ सोशल मीडिया और जॉब पोर्टल्स पर कोरियाई अनुवादक की नौकरी के लिए फर्जी विज्ञापन देता था.
    जो महिलाएं आवेदन करतीं, उन्हें साक्षात्कार के लिए सिडनी के एक होटल में बुलाया जाता था.
    बहाने से उन्हें अपने अपार्टमेंट में ले जाता और वहां अपराध करता था.

    कोर्ट का फैसला और सख्त टिप्पणी

    सिडनी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज माइकल किंग ने 40 साल की सजा सुनाते हुए कहा कि धनखड़ का व्यवहार "सुनियोजित, चालाकी भरा और हिंसक" था.

    कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले 30 साल तक वह जमानत के लिए अपील भी नहीं कर सकेगा.

    न्यायिक कार्रवाई के बाद सबक

    यह मामला दुनियाभर में नौकरी के नाम पर होने वाले शोषण की ओर ध्यान आकर्षित करता है. धनखड़ का अपराध सिर्फ एक अपराधी की मानसिकता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध मॉडल को दर्शाता है.

    ऑस्ट्रेलिया की न्याय प्रणाली ने सख्त फैसला सुनाकर यह संदेश दिया कि इस तरह के अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

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