हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने किसानों से सुप्रीम कोर्ट की बात मानने को कहा, आंदोलन करने वाले नेता क्या बोले

    अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए कुछ समय मांगा है और सुझाव दिया है कि किसान अपना विरोध-प्रदर्शन रोकने पर विचार करें.

    हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने किसानों से सुप्रीम कोर्ट की बात मानने को कहा, आंदोलन करने वाले नेता क्या बोले
    हरियाणा के मंत्री अनिल विज, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    अंबाला (हरियाणा) : हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि किसानों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अपना विरोध प्रदर्शन कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए.

    अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए कुछ समय मांगा है और सुझाव दिया है कि किसान अपना विरोध-प्रदर्शन रोकने पर विचार करें.

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    विज ने कानूनी प्रक्रिया में सहयोग को उनके हित में बताया

    उन्होंने विश्वास जताया कि किसानों को अदालत के सुझाव पर ध्यान देना चाहिए और अपना विरोध-प्रदर्शन कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए, साथ ही कहा कि कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना उनके हित में होगा.

    विज ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है और उसने कुछ समय मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि समिति के बीच संवाद ठीक है और कुछ समय मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि किसानों को कुछ समय के लिए अपना विरोध-ृप्रदर्शन रोक देना चाहिए. मुझे लगता है कि किसानों को अदालत की बात माननी चाहिए."

    सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को बात करने को कहा

    शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और पंजाब से कहा कि वे खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक किसान जगजीत सिंह दल्लेवाल को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करें.

    न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अधिकारियों से दल्लेवाल से सीधा संवाद करने को कहा और कहा कि "उनका जीवन किसी भी आंदोलन से अधिक कीमती है."

    फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के तहत दल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं.

    हरियाणा सरकार ने अंबाला में बद की इंटरनेट सेवाएं

    हरियाणा सरकार ने चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच किसान संगठनों द्वारा "दिल्ली कूच" आह्वान के बाद गलत सूचना के प्रसार और संभावित कानून-व्यवस्था को बाधित करने से रोकने के लिए 14-17 दिसंबर तक अंबाला जिले में मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया है. 14 दिसंबर सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर रात 11.59 बजे तक ये प्रतिबंध डंगडेहरी, लोहगढ़ और सद्दोपुर सहित कुछ खास गांवों पर लागू होंगे.

    व्यक्तिगत एसएमएस, बैंकिंग संचार, वॉयस कॉल और ब्रॉडबैंड जैसी आवश्यक सेवाएं शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए लोगों की असुविधा को कम करने के लिए अप्रभावित रहेंगी.

    इसमें लिखा है, "यह आदेश अंबाला जिले के अधिकार क्षेत्र में आने वाले डंगडेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, छोटी घेल, लहारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों के क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किया गया है."

    हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच करते दिखे

    हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा से प्राप्त तस्वीरों में किसान आज 'दिल्ली कूच' की तैयारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

    किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, 101 किसानों का एक 'जत्था' आज दोपहर को दिल्ली की ओर कूच करेगा.

    किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की कि 101 किसानों का जत्था शनिवार को दोपहर में हरियाणा के शंभू सीमा बिंदु से दिल्ली कूच करने का एक नया प्रयास करेगा. किसान नेता ने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध आज अपने 307वें दिन में पहुंच गया है और केंद्र के साथ बातचीत का इंतजार कर रहा है और देश के लोगों से आंदोलन के लिए देशव्यापी समर्थन पर जोर दिया.

    किसान नेता सरवन सिंह ने जत्था दिल्ली रवाना होने की दी जानकारी

    सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "किसानों का विरोध अब अपने 307वें दिन में प्रवेश कर गया है. आज दोपहर तक 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा. पूरा देश हमारे साथ जुड़ा हुआ है और विरोध का समर्थन कर रहा है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इस बारे में चुप रहे हैं और इस विषय से दूरी बनाए रखी है."

    किसानों के आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से व्यापक भागीदारी देखी गई है. दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध स्थल प्रतिरोध के केंद्र बन गए हैं, जहां हजारों किसान खराब मौसम की स्थिति के बावजूद अस्थायी व्यवस्था में डेरा डाले हुए हैं. जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है, किसान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए तीव्र प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर से ड्रोन से ली गई तस्वीरों में किसानों को वाहनों से सड़कों को अवरुद्ध करते हुए देखा जा सकता है. किसान 12 मांगों का एक चार्टर मांग रहे हैं, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा फसलों के लिए एमएसपी को पूरा करना भी शामिल है.

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