Neha Thakur Won Silver Madel: चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स 2023 (Hangzhou Asian Games 2023) में नौकायन प्रतियोगिता में नेहा ठाकुर ने भारत को 28 पॉइंट के साथ सिल्वर मेडल दिलाकर अपने देश का नाम रोशन कर दिया. नेहा ठाकुर मध्य प्रदेश के देवास जिले के आमलाताज क्षेत्र की रहने वाली हैं. नेहा B.Com की पढ़ाई करने के साथ ही एशियन गेम्स (Asian Games) की तैयारी के लिए भोपाल में वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी में तैयारी भी कर रही थीं. नेहा के पिता मुकेश ठाकुर ने बताया कि साल 2017 में वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी में चयन हुआ था.
नेहा ने कक्षा 8 वीं तक की पढ़ाई अपने मामा के यहां इंदौर में की. उसके बाद पिता उसे हाटपीपल्या अपने गांव लेकर आ गए थे. फिर नेहा ने एक वर्ष तक क्षेत्र में ही सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की उसके बाद से वह उक्त खेल में रुची लेने लगी थी. नेहा के पिता मुकेश ठाकुर को तैराकी का काफी अनुभव है. उन्होंने अपनी बेटी को ट्रायल के दौरान हाटपीपल्या क्षेत्र में बने छोटे डेम व कुएं में तैराकी की काफी ट्रैनिंग करवाई.
मुकेश ठाकुर बताते हैं कि नेहा को इस नौकायन प्रतियोगिता (sailing Game 2023) में जाने के लिए उसके अंकल के लड़के ने प्रेरित किया जो कि खुद वाटर सेलिंग में रह चुके हैं. फिलहाल वह नेवी में है. उसी के सलाह पर हमने नेहा की तैयारी करवाई. नेहा के पिता खेती करते हैं और मां रीना घरेलू काम-काज संभालती हैं. नेहा के दो छोटे भाई भी हैं जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं.
नेहा ने एशियन गेम्स के पहले कई नेशनल गेम्स में भाग लिया है और गोल्ड तथा सिल्वर मेडल प्राप्त किया है. साथ ही 2022 एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और यूरोपीय चैम्पियनशिप में भी पदक जीता, उसके बाद दो वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी भाग लिया लेकिन मेडल नहीं जीत पाई हालांकि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
बेटी के सेलिंग गेम में सिल्वर मेडल जीतने पर पूरा परिवार बेहद खुश है. देश के लिए मेडल जीतने वाली बेटी को प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने कहा कि उसकी इस सफलता का श्रेय मप्र की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को जाता है, जिन्होनें ऐशियन गेम्स के पहले नेहा की तीन महीने तक विदेशों में ट्रैनिंग करवाई. जिसका पूरा खर्च मध्य प्रदेश खेल विभाग ने उठाया. उन्होंने इस सफलता पर हमें फोन पर बधाई भी दी है. इसके अलावा नेहा के कोच जेएल यादव, नरेन्द्र सिंह राजपुत और अनिल शर्मा को भी इसका श्रेय जाता है, जिन्होंने विशेष सहयोग कर बेटी की प्रतिभा को निखारने में मदद की. वहीं गांव के सरपंच राजकुमार सिंह सेंधव का कहना है कि यह हमारे छोटे से गाँव के लिए गर्व की बात है. हमारे गाँव के किसान, की बेटी ने देश को रजत पदक दिलाया है. एशियन गेम्स से लौटने के बाद उसका गाँव में आने पर जोरदार स्वागत कर सम्मान करेंगे.