Gujarat सरकार का बड़ा फैसला, चुनावों में OBC को 27 फीसदी आरक्षण; इन वर्गों के कोटे में नहीं होगा बदलाव

    इस फैसले से गुजरात की बीजेपी सरकार ने राज्य के 40 फीसदी ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इसका फायदा राज्य सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा.

    Gujarat सरकार का बड़ा फैसला, चुनावों में OBC को 27 फीसदी आरक्षण; इन वर्गों के कोटे में नहीं होगा बदलाव

    गुजरात (Gujarat) में लंबे समय से ओबीसी (OBC) वर्ग को आरक्षण देने की मांग की जा रही है. राज्य में ओबीसी आरक्षण पर रुख स्पष्ट नहीं होने के कारण स्थानीय चुनावों में देरी हो रही है. इसी बीच बीते दिन यानी मंगलवार (29 अगस्त) को निकाय चुनाव से पहले गुजरात सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. भूपेन्द्र पटेल (Bhupendra Patel) के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने गुजरात निकाय चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया है.

    27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की

    इस फैसले से गुजरात की बीजेपी सरकार ने राज्य के 40 फीसदी ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इसका फायदा राज्य सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार (29 अगस्त) को एक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों जैसे निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की, जिससे इन निकायों के लिए चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया. हालांकि, पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) (PESA) अधिनियम के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में, जिनमें से अधिकांश में बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी है. स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत जारी रहेगा.

    ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

    गुजरात सरकार ने कहा कि इसके अलावा, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए मौजूदा कोटा अपरिवर्तित रहेगा, जिससे 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन नहीं होगा. इससे पहले, गुजरात में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण 10 प्रतिशत था. न्यायमूर्ति झावेरी आयोग की रिपोर्ट पर आधारित यह घोषणा लोकसभा चुनाव से पहले की गई है और इससे स्थानीय निकाय चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिन्हें लंबित आरक्षण मुद्दे के कारण स्थगित कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ओबीसी के लिए आरक्षण उनकी आबादी के आधार पर होना चाहिए.

    झावेरी आयोग की रिपोर्ट पर ओबीसी आरक्षण को मंजूरी

    गुजरात के मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता हृषिकेश पटेल ने मीडिया को बताया कि, 'झावेरी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर, एक कैबिनेट उप-समिति ने स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की और इस सिफारिश को मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा, 'पहले गुजरात में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण 10 फीसदी था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए सीट आरक्षण को फिर से परिभाषित करने के लिए एक आयोग का गठन किया गया था. हमें अप्रैल में झावेरी आयोग की रिपोर्ट मिली. इसके बाद कैबिनेट की उपसमिति ने इस पर चर्चा की. पटेल ने कहा कि घोषणा के बाद, चुनाव होने पर पंचायतों (गांव, तालुका और जिला), नगर पालिकाओं और नगर निगमों में सीटें 27 प्रतिशत के अनुपात में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की जाएंगी.