करनाल (हरियाणा): केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को देश में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने का समर्थन करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव समय और धन दोनों की बर्बादी है.
चौहान ने बताया कि बार-बार चुनाव होने से लोक कल्याण में देरी होती है और 'सार्वजनिक' धन का भारी व्यय होता है. केंद्रीय कृषि मंत्री हरियाणा के करनाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे जब उन्होंने शासन पर कई चुनावों के प्रभाव के बारे में चिंता जताई.
इससे मंत्रियों और अधिकारियों का समय बर्बाद होता है
चौहान ने कहा, "मैं एक कृषि मंत्री हूं, लेकिन जब चुनाव आया, तो मैं तीन महीने तक चुनाव प्रचार में व्यस्त था. इससे प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है और सभी विकास कार्य रुक जाते हैं. फिर नई घोषणाएं करनी होंगी."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "लोक कल्याण के काम पीछे रह जाते हैं; इतना ही नहीं, भारी खर्च होता है; चुनाव आयोग भी खर्च करता है; वह पैसा जनता का होता है, और फिर राजनीतिक दल भी चुनाव में पैसा खर्च करते हैं. इतना समय बर्बाद हो जाता है. अब दूसरे राज्यों में चुनाव होंगे तो हरियाणा के अधिकारी पर्यवेक्षक बनकर जाएंगे. यहां आपका काम 2-3 महीने तक ठप रहेगा. अगर वे वहां जाकर चुनाव कराएंगे तो विनाश ही विनाश होगा."
इसके लिए हमें जन जागरूकता पैदा करनी चाहिए
चौहान ने एक साथ चुनाव के लाभों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, "यह समय की बर्बादी और पैसे की बर्बादी है; यह हमारे विकास में बाधा डालता है. ये चुनाव तो होते ही रहेंगे, इसलिए संविधान में संशोधन करके सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव 5 साल में एक बार एक साथ कराए जाएं; इसके लिए हमें जन जागरूकता पैदा करनी चाहिए."
गौरतलब है कि इस साल सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है.
ये सिफ़ारिशें पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक उच्च पैनल समिति की रिपोर्ट में की गई थीं.
नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र, एक चुनाव की सराहना की थी
कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को मंजूरी देने के फैसले की सराहना की और कहा कि यह फैसला भारत के लोकतंत्र को और भी जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक कदम है.
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "कैबिनेट ने एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी को बधाई देता हूं. यह हमारे लोकतंत्र को और अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."
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