परमाणु हमला करने वाले लड़ाकू विमानों की संख्या दोगुनी कर रहा फ्रांस, मैक्रों को किस बात का सता रहा डर?

    फ्रांस ने हाल ही में परमाणु हमला करने में सक्षम लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि देश के चौथे एयरबेस लक्सेउइल को परमाणु-सक्षम राफेल विमानों के लिए तैयार किया जाएगा.

    France is doubling the number of nuclear attack fighter planes what is Macron afraid of
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    पेरिस: फ्रांस ने हाल ही में परमाणु हमला करने में सक्षम लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि देश के चौथे एयरबेस लक्सेउइल को परमाणु-सक्षम राफेल विमानों के लिए तैयार किया जाएगा. इससे यह सवाल उठने लगा है कि फ्रांस को आखिर किस खतरे का अंदेशा है? क्या यूरोप की सुरक्षा को लेकर कोई नई रणनीति बनाई जा रही है?

    फ्रांस को किस बात की चिंता सता रही है?

    फ्रांस की यह पहल यूरोप में बढ़ते तनाव और यूक्रेन युद्ध के कारण उभर रहे खतरों की ओर इशारा करती है. दो मुख्य कारणों से फ्रांस ने अपनी परमाणु क्षमता को दोगुना करने का फैसला किया है:

    रूस का संभावित खतरा:

    • फ्रांस को आशंका है कि यूक्रेन में जीत दर्ज करने के बाद रूस यूरोप की ओर बढ़ सकता है और फ्रांस भी उसके निशाने पर आ सकता है.
    • रूस की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा को मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है.

    अमेरिकी सहयोग को लेकर अनिश्चितता:

    • अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी से यूरोप में चिंता बढ़ रही है, क्योंकि ट्रंप नाटो को लेकर अलग रुख रखते हैं और यूरोप को अपनी सुरक्षा खुद करने की सलाह देते आए हैं.
    • फ्रांस ने संकेत दिया है कि वह अपने परमाणु कवच को जर्मनी और पोलैंड जैसे सहयोगी देशों तक विस्तारित कर सकता है.

    कब तैनात होंगे परमाणु-सक्षम राफेल विमान?

    फ्रांस के रक्षा अधिकारियों के अनुसार:

    • पहला परमाणु हमला करने में सक्षम राफेल स्क्वाड्रन 2032 में लक्सेउइल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा.
    • दूसरा स्क्वाड्रन 2036 तक ऑपरेशनल हो जाएगा.
    • इससे पहले केवल सेंट-डिज़ियर, इस्ट्रेस और एवॉर्ड एयरबेस पर परमाणु-सक्षम मिसाइलों के लिए सुरक्षित भंडारण की सुविधा थी.

    क्या फ्रांस की परमाणु हवाई ताकत दोगुनी होगी?

    फ्रांस के नए फैसले के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मौजूदा 40 परमाणु-सक्षम राफेल विमानों के अलावा अतिरिक्त 40 और तैनात किए जाएंगे? अगर ऐसा होता है, तो फ्रांस की परमाणु हवाई ताकत दोगुनी हो जाएगी.

    फ्रांस के पास जमीन से या समुद्री जहाजों से लॉन्च होने वाली परमाणु मिसाइलों का विकल्प सीमित है, जिससे परमाणु क्षमता वाले लड़ाकू विमानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

    क्या फ्रांस पूरे यूरोप की सुरक्षा का नेतृत्व करेगा?

    • फ्रांस के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि वह यूरोप में रक्षा की कमान संभालने को तैयार है.
    • फरवरी में फ्रांस ने जर्मनी में परमाणु-सक्षम राफेल विमानों की तैनाती के विकल्पों पर चर्चा की थी.
    • जर्मनी के संभावित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने ब्रिटेन और फ्रांस से यूरोपीय परमाणु साझाकरण पर बातचीत करने का आग्रह किया था.

    फ्रांस की परमाणु शक्ति क्यों है अहम?

    फ्रांस एकमात्र यूरोपीय देश है जिसके पास स्वतंत्र रूप से हवाई परमाणु हमला करने की क्षमता है. ब्रिटेन पूरी तरह पनडुब्बियों पर निर्भर है, जबकि जर्मनी, इटली, बेल्जियम, नीदरलैंड और तुर्की अमेरिकी परमाणु हथियारों के साझा कार्यक्रम पर निर्भर हैं.

    ये भी पढ़ें- लगातार बढ़ रही है भारतीय नौसेना की ताकत, स्वदेशी फ्रिगेट 'तवास्य' किया गया लॉन्च, जानें इसकी खासियत