पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा लंबी बीमारी के बाद निधन, कर्नाटक सरकार तीन दिन का शोक मनाएगी

    कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री (सीएम) और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की आयु में मंगलवार सुबह सदाश्विनगर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. कृष्णा लंबी बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें अगस्त की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

    Former CM and Union Minister SM Krishna passes away after prolonged illness Karnataka government to observe three days of mourning
    कर्नाटक के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा/Photo- Internet

    बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री (सीएम) और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की आयु में मंगलवार सुबह सदाश्विनगर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. कृष्णा लंबी बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें अगस्त की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

    राजनेता का पार्थिव शरीर आज उनके आवास पर जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. कृष्णा के लंबे समय के मित्र और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि अंतिम संस्कार बुधवार को मांड्या जिले के सोमनहल्ली में किया जाएगा जो कृष्णा का गृहनगर है.

    कृष्णा के निधन पर कर्नाटक सरकार तीन दिनों का शोक मनाएगी

    कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री (सीएम) और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा के 92 वर्ष की आयु में निधन पर कर्नाटक सरकार तीन दिनों का शोक मनाएगी.

    नोटिस के मुताबिक, "उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. 10 दिसंबर से 12 दिसंबर तक इन तीन दिनों में कोई समारोह और कोई उत्सव आयोजित नहीं किया जाएगा."

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि कर्नाटक आईटी-बीटी के विकास में कृष्णा के योगदान का ऋणी रहेगा.

    केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री के रूप में कृष्णा की सेवा अद्वितीय है

    एक्स पर एक पोस्ट में, सिद्धारमैया ने कहा, "मैं पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की मृत्यु से स्तब्ध हूं. एक राज्य और केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री के रूप में कृष्णा की सेवा अद्वितीय है. आईटी-बीटी क्षेत्र के विकास में उनके योगदान के लिए कर्नाटक हमेशा उनका ऋणी रहेगा, खासकर मुख्यमंत्री के रूप में."

    92 वर्षीय कृष्णा 11 अक्टूबर 1999 से 28 मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया.

    वह मार्च 2017 में कांग्रेस के साथ अपना लगभग 50 साल पुराना रिश्ता खत्म करते हुए भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने पिछले साल सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था.

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