उत्तर प्रदेश में बाढ़ का संकट गहराया, नदियां उफान पर, गांवों से लेकर हाईवे तक जलभराव; जनजीवन अस्त-व्यस्त

    UP Floods: उत्तर प्रदेश इन दिनों जल प्रलय जैसी स्थिति से जूझ रहा है. गंगा, यमुना और शारदा जैसी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. खेत, गांव, बाजार, यहां तक कि हाईवे भी पानी में डूबते जा रहे हैं.

    Flood crisis deepens in Uttar Pradesh rivers in spate waterlogging from villages to highways
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    UP Floods: उत्तर प्रदेश इन दिनों जल प्रलय जैसी स्थिति से जूझ रहा है. गंगा, यमुना और शारदा जैसी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. खेत, गांव, बाजार, यहां तक कि हाईवे भी पानी में डूबते जा रहे हैं. प्रशासन रेस्क्यू और राहत कार्य में जुटा है, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे हैं.

    राज्य के पश्चिमी जिलों से लेकर तराई और पूर्वांचल तक, हर तरफ बाढ़ के कहर की तस्वीरें सामने आ रही हैं. कहीं नाव पलट रही है, तो कहीं हाईवे पर दो फुट तक पानी बह रहा है. प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर राहत टीमें सक्रिय कर दी हैं, लेकिन बारिश और नदी के उफान ने संकट को और भी बड़ा बना दिया है.

    हाईवे पर बहता पानी, शाहजहांपुर में दो फीट तक जलभराव

    शाहजहांपुर जिले में दिल्ली-लखनऊ हाईवे के बरेली मोड़ ओवरब्रिज से लेकर मौजमपुर गांव तक करीब डेढ़ किलोमीटर तक पानी तेज बहाव के साथ बह रहा है. हालत ये है कि दोपहिया और हल्के वाहनों का संचालन बंद करना पड़ा. शाम होते-होते पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि लोग पैदल ही जोखिम उठाकर रास्ता पार करने लगे.

    एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार के अनुसार, फ्लड यूनिट को हाईवे पर तैनात कर दिया गया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हर संभव मदद के निर्देश दिए.

    लखीमपुर खीरी में शारदा नदी में पलटी नाव, पिता-पुत्री लापता

    लखीमपुर खीरी के नौव्वापुर घाट के पास शनिवार सुबह एक नाव नदी में पलट गई. नाव में सवार 20 लोगों में से कैलाश (40) और उनकी बेटी सीमा (15) लापता हैं.
    बाकी लोगों को ग्रामीणों और बचाव दलों ने बचा लिया. एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन अंधेरा होने तक कोई सफलता नहीं मिली.

    नदी पार रखही गांव से बाढ़ राहत सामग्री लेने जा रहे ये लोग एक सामान्य दिन की उम्मीद में निकले थे, लेकिन हादसे ने सबकुछ बदल दिया.

    प्रयागराज, वाराणसी और वृंदावन में हालात चिंताजनक

    प्रयागराज और वाराणसी में गंगा-यमुना का जलस्तर 82 मीटर पार कर गया है. अनुमान है कि यह 84 मीटर तक जा सकता है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो सकते हैं.

    वाराणसी के दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट एक बार फिर पानी में डूब चुके हैं. जल पुलिस चौकी तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. वृंदावन में यमुना नदी का जलस्तर इतने ऊपर पहुंच चुका है कि पंचकोसी परिक्रमा मार्ग तक जलमग्न है. बारहघाट, कालीसह मार्ग, जुगालघाट सहित कई प्रमुख रास्तों पर आवागमन ठप है.

    अलीगढ़, मथुरा, बरेली में गांव-गांव में घुसा पानी

    अलीगढ़ में नरौरा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. 10 से ज्यादा गांवों में पानी घरों तक घुस चुका है. मथुरा, हाथरस, बरेली और आसपास के जिले भी जलप्रलय जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं. खेतों और बाजारों में पानी भर गया है.

    फिलहाल मौसम में बदलाव के आसार नहीं

    मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि रविवार को भी शनिवार जैसा ही मौसम बना रहेगा. हवा न चलने से उमस बनी रहेगी और बादलों की आवाजाही के बीच छिटपुट बारिश हो सकती है. तराई क्षेत्र में बारिश की संभावना ज्यादा बताई जा रही है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है.

    बाढ़ से अब तक भारी नुकसान

    • 2,000 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
    • 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसलें तबाह
    • लाखों लोग प्रभावित, कई बेघर
    • राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया जा रहा है
    • नौका दुर्घटनाएं, हाईवे अवरुद्ध और जनजीवन पर सीधा असर

    सरकार की ओर से राहत कार्य जारी

    • एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की फ्लड यूनिट्स मौके पर तैनात
    • प्रभावित जिलों में ड्रोन और मोटरबोट के जरिए निगरानी
    • स्थानीय प्रशासन की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

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