वित्तमंत्री सीतारमण ने IMF में उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पूंजी के लिए निष्पक्ष, सटीक सॉवरेन रेटिंग की मांग की

    सीतारमण ने कहा, "ईएमडीई के आर्थिक मूल सिद्धांतों को पर्याप्त रूप से ध्यान में रखने के लिए सॉवरेन रेटिंग की आवश्यकता है ताकि उसके लिए पूंजी की लागत और निजी पूंजी को आकर्षित करने की उनकी क्षमता को सुनिश्चित किया जा सके."

    वित्तमंत्री सीतारमण ने IMF में उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पूंजी के लिए निष्पक्ष, सटीक सॉवरेन रेटिंग की मांग की
    निर्मला सीतारमण अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में आईएमएफ की बैठक के दौरान | Photo- ANI

    नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की 2024 की वार्षिक बैठक में उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) के लिए सॉवरेन रेटिंग में निष्पक्षता और सटीकता का मुद्दा उठाया.

    शुक्रवार को वाशिंगटन, डीसी में "प्रबंध निदेशक की वैश्विक नीति एजेंडा" पर आईएमएफसी प्लेनरी सत्र में बोलते हुए, सीतारमण ने जोर देकर कहा कि सॉवरेन रेटिंग को ईएमडीई के आर्थिक मूल सिद्धांतों को अधिक सटीक रूप से प्रतिबिंबित करना चाहिए, जिससे पूंजी तक उचित पहुंच सुनिश्चित हो सके और निजी निवेश को आकर्षित करने की बेहतर क्षमता हो.

    यह भी पढे़ं : 'समस्या महायुति में है', महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कांग्रेस ने MVA में किसी भी दरार को किया खारिज

    सीतारमण ने सॉवरेन रेटिंग की जरूरत को बताया

    सीतारमण ने कहा, "ईएमडीई के आर्थिक मूल सिद्धांतों को पर्याप्त रूप से ध्यान में रखने के लिए सॉवरेन रेटिंग की आवश्यकता है ताकि उसके लिए पूंजी की लागत और निजी पूंजी को आकर्षित करने की उनकी क्षमता को सुनिश्चित किया जा सके."

    उन्होंने रेटिंग सिस्टम में सुधार के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के साथ अधिक जुड़ाव की भी अपील की, ताकि वे किसी देश की फिर से अदायगी क्षमता और आर्थिक लचीलेपन को अधिक सटीक रूप से दिखा सकें.

    वित्त मंत्रालय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "वित्त मंत्री ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के साथ जुड़ाव को भी रेखांकित किया और कार्यप्रणाली में सुधार का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे फिर से अदायगी करने की क्षमता और इच्छा को दिखाने वाले मूल सिद्धांतों को दर्शा सकें."

    सीतारमण ने बदलते वैश्विक हालात के लिए IMF से सुधारों की अपील की

    इसके अतिरिक्त, सीतारमण ने विकसित हो रहे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के साथ बेहतर तालमेल के लिए IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के भीतर गवर्नेंस सुधारों की अपील की. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपने 80 साल के इतिहास में IMF की भूमिका काफ़ी बढ़ गई है और इस बदलाव के साथ तालमेल बिठाना महत्वपूर्ण है.

    वित्त मंत्रालय ने एक दूसरी पोस्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, "पिछले 80 वर्षों में IMF के एक बहुपक्षीय संस्थान के रूप में विकास को मान्यता देते हुए, मौजूदा वैश्विक व्यवस्था IMF @IMFNews सहित प्रमुख वैश्विक संस्थानों में गवर्नेंस सुधारों की जरूरत है."

    2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चर्चा करते हुए, सीतारमण ने इसके लचीलेपन की प्रशंसा की, लेकिन कई लगातार जोखिमों का भी जिक्र किया. जबकि कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक प्रोडक्शन अपनी क्षमता के करीब पहुंच रहा है और महंगाई केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों के करीब पहुंच रही है, उन्होंने चेतावनी दी कि नकारात्मक जोखिम - जैसे कि भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर मध्यम अवधि की वैश्विक विकास संभावनाएं - चिंता का विषय बनी हुई हैं.

    सीतारमण ने कहा, "बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और मध्यम अवधि की वैश्विक विकास संभावनाओं समेत कई नकारात्मक जोखिम हैं, जो उनकी निरंतर कमजोरी के कारण चिंता का विषय हैं."

    सीतारमण ने IMF की मौजूदा वैश्विक नीति एजेंडे को सपोर्ट किया

    सीतारमण ने आईएमएफ के मौजूदा वैश्विक नीति एजेंडे का समर्थन किया, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए "सॉफ्ट लैंडिंग" सुनिश्चित करने और कम विकास और अधिक कर्ज के चक्र से मुक्त होने पर जोर देता है. उन्होंने नीति मार्गदर्शन प्रदान करने में आईएमएफ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से ऋण कमजोरियों वाले देशों के लिए, और आग्रह किया कि समानता सुनिश्चित करने के लिए आईएमएफ की सलाह को सदस्य देशों में निष्पक्ष रूप से लागू किया जाना चाहिए.

    सीतारमण ने बंटी हुई दुनिया के बीच एकता बनाने के लिए आईएमएफ के प्रयासों की भी सराहना की और अपने सदस्यों की बेहतर सेवा करने के लिए निगरानी, ​​​​कर्ज और क्षमता विकास जैसे क्षेत्रों को लेकर अनुकूल बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया.

    यह भी पढे़ं : 'कुछ नहीं बचता है'- राहुल गांधी ने लोकल नाई अजीत से शेविंग कराई, वीडियो साझा कर बयां किया उनका दर्द

    भारत