सब कुछ इंसानों जैसा लेकिन पैर 'शुतुरमुर्ग' जैसे! जानिए इस जनजाति के लोगों की अजीब कहानी

    इसान के एक पैर में आमतौर पर पांच उंगलियां होती हैं, लेकिन जिम्बाब्वे के उत्तरी हिस्से में स्थित कायेम्बा क्षेत्र में रहने वाली इस जनजाति के लोगों के पैर में केवल दो उंगलियां होती हैं. जानिए इस जनजाति के लोगों के बारे में ..

    सब कुछ इंसानों जैसा लेकिन पैर 'शुतुरमुर्ग' जैसे! जानिए इस जनजाति के लोगों की अजीब कहानी

    इंसान के एक पैर में आमतौर पर पांच उंगलियां होती हैं, लेकिन जिम्बाब्वे के उत्तरी हिस्से में स्थित कायेम्बा क्षेत्र में रहने वाली इस जनजाति के लोगों के पैर में केवल दो उंगलियां होती हैं. वो भी इतना बड़ा कि आप देखकर दंग रह जाएंगे. हम जिस जनजाति की बात कर रहे हैं वह 'वडोमा जनजाति' है. इस जनजाति के लोगों का पूरा शरीर इंसानों जैसा होता है. लेकिन पैरों की बनावट बिल्कुल शुतुरमुर्ग जैसी है. पैर की उंगलियां इतनी बड़ी होती हैं कि ये लोग आम लोगों की तरह न तो जूते पहन सकते हैं और न ही चल सकते हैं.

    शुतुरमुर्ग जैसे क्यों हैं पैर?

    अब आप यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आखिर उनके पैरों की उंगलियां इतनी अलग-अलग क्यों होती हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि वडोमा जनजाति के लोगों के पैर इतने अलग क्यों होते हैं. दरअसल, इस जनजाति के ज्यादातर लोग एक आनुवांशिक विकार से पीड़ित हैं, जिसे 'एक्ट्रोडैक्टली' या 'ऑस्ट्रिच फुट सिंड्रोम' के नाम से जाना जाता है. रेयर डिजीज के अनुसार, एक्ट्रोडैक्ट्यली को स्प्लिट हैंड/फुट मालफॉर्मेशन (एसएचएफएम) के रूप में भी जाना जाता है. यह रोग पैरों की उंगलियों को प्रभावित करता है. कई बार पैरों के साथ-साथ हाथों की उंगलियां भी प्रभावित हो जाती हैं.

    दौड़ने और चलने में करना पड़ता है दिक्कतों का सामना 

    वडोमा जनजाति के लोगों में यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती रहती है. इस विकार के कारण इन लोगों को जूते पहनने में काफी दिक्कत होती है. उन्हें दौड़ने और चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालाँकि, जब पेड़ों पर चढ़ने की बात आती है, तो कोई भी उनसे जीत नहीं सकता है. क्योंकि वह यह काम बहुत ही आसानी से कर लेता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस जनजाति के लोगों को दूसरी जाति के लोगों से शादी करने की सख्त मनाही है.