नई दिल्ली: एजेंसी ने शुक्रवार को कहा, "प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 जुलाई को हरियाणा और पंजाब में 14 स्थानों पर की गई छापेमारी के दौरान 40 करोड़ से अधिक की अचल संपत्तियों के दस्तावेज, बैंक लॉकर, डीएमएटी खातों के साथ-साथ 16.38 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की."
ईडी के अनुसार, हरियाणा के उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग के तीन अधिकारियों और सिंडिकेट सदस्यों महेश बंसल, पदम बंसल, अमित बंसल, मोनिल बंसल, ऋषि गुप्ता, हरीश बियानी और अन्य लोगों के व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली गई, जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया.
ईडी के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया था.
एजेंसी ने झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने और उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी रिफंड प्राप्त करने के संबंध में हरियाणा के विभिन्न जिलों में हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई विभिन्न प्रथम सूचना रिपोर्टों के आधार पर जांच शुरू की, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ो का नुकसान हुआ.
एजेंसी ने कहा, "ईडी की जांच से पता चला कि फर्जी फर्मों को सिंडिकेट सदस्यों द्वारा शामिल किया गया था और इन फर्जी फर्मों में बिक्री का दावा सी फॉर्म के खिलाफ कर की रियायती दर पर किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया और अंततः अधिकारियों की मदद से धोखाधड़ी वाले रिफंड प्राप्त किए गए."
इसमें कहा गया है, "धोखाधड़ी से प्राप्त ये रिफंड नकद में निकाले गए और कई करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए उपयोग किए गए."