राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले के सिलसिले में ईडी ने संजय बड़ाया को किया गिरफ्तार

    ईडी की जांच में यह भी पता चला कि मित्तल मुख्य आरोपियों में से एक है और अपनी फर्म में अपराध की आय प्राप्त करता है. एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले (जेजेएम) के सिलसिले में 16 जुलाई को संजय बदया को गिरफ्तार किया.

    राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले के सिलसिले में ईडी ने संजय बड़ाया को  किया गिरफ्तार
    ED arrests Sanjay Badaya in connection with Jal Jeevan Mission scam in Rajasthan

    राजस्थान  : एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले (जेजेएम) के सिलसिले में 16 जुलाई को संजय बदया को गिरफ्तार किया. जल जीवन मिशन घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने के आरोपी बदया को मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया गया. 

    ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले में संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया

    एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले (जेजेएम) के सिलसिले में 16 जुलाई को संजय बदया को गिरफ्तार किया. जल जीवन मिशन घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने के आरोपी बदया को मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें जयपुर में ईडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया. अब तक ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. 

    19 जून को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में तीसरे आरोपी को किया गिरफ्तार 

    ईडी ने 19 जून को राजस्थान में केंद्र की जल जीवन मिशन योजना के कार्यान्वयन से जुड़ी अपनी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया. ईडी के जयपुर जोनल कार्यालय ने जेजेएम घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत एक ठेकेदार महेश मित्तल को गिरफ्तार किया, ईडी ने कहा. ईडी के अनुसार, मित्तल अन्य लोगों के साथ मिलकर लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में अवैध संरक्षण, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत करवाने तथा उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे.

     ईडी ने कहा, "आरोपी हरियाणा से चोरी का माल खरीदकर उसे अपने निविदाओं और अनुबंधों में इस्तेमाल करने में भी शामिल था." मित्तल को 19 जून को विशेष परीक्षण न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष पेश किया गया तथा न्यायालय ने उसे 24 जून तक पांच दिन की ईडी हिरासत में दे दिया. ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, जयपुर द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें कहा गया था कि मित्तल वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों को रिश्वत देकर इरकॉन द्वारा जारी किए गए कथित फर्जी तथा मनगढ़ंत कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्रों के आधार पर जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में भी शामिल थे.

    मित्तल मुख्य आरोपियों में से एक

     ईडी की जांच में यह भी पता चला कि मित्तल मुख्य आरोपियों में से एक है और अपनी फर्म में अपराध की आय प्राप्त करता है. इसके बाद, उसके नाम पर रखे गए विभिन्न बैंक खातों, उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर संस्थाओं के माध्यम से धन की लूट की गई और अचल और चल संपत्तियों में निवेश करके इसे आगे बढ़ाया गया. ईडी ने इस मामले में कई तलाशी ली हैं, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 11.03 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. इससे पहले ईडी ने इसी मामले में 29 फरवरी को पीयूष जैन और 13 जून को पदमचंद जैन को भी गिरफ्तार किया था.

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