दिल्ली की हवा खराब होते ही सांस के मरीज 15% बढ़े, दवाइयों की मांग में इजाफा : डॉक्टर

    डॉक्टर ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने से सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को कंट्रोल करने वाली दवाओं की जरूरत भी बढ़ रही है.

    दिल्ली की हवा खराब होते ही सांस के मरीज 15% बढ़े, दवाइयों की मांग में इजाफा : डॉक्टर
    प्रदूषण के कारण के दिल्ली के स्कूली बच्चे मास्क पहने हुए | Photo- ANI

    नई दिल्ली : दिल्ली में हर साल सर्दियों से पहले हवा की क्वालिटी खराब हो जाती है, जिसकी वजह खेतों में पराली जलाने और प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों समेत कई कारण होते हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में, हवा की क्वालिटी नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक बताई जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो सांस से जुड़ी समस्याओं और बाकी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं.

    इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सांस से जुड़ी बीमारियों और नींद की दवा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजेश चावला ने बताया कि हवा में प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, जिससे सांस से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित रोगियों की संख्या में लगभग 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. चावला ने आगे कहा कि सांस जुड़ी बीमारियों से पीड़ित रोगियों में तेज इजाफा देखा जा रहा है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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    अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग के दवाओं की मांग बढ़ी

    डॉक्टर ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही सांस संबंधी बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को नियंत्रित करने वाली दवाओं की जरूरत भी बढ़ रही है. राष्ट्रीय राजधानी में खराब और जहरीली हवा के कारण आम लोगों द्वारा सावधानी बरतने के बावजूद संक्रमण रेट तेजी से बढ़ा है.

    डॉ. राजेश चावला ने कहा, "दुर्भाग्य से, इस साल, आप नवंबर से पहले ही वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ता हुआ देख रहे हैं, और इसका असर यह है कि हम सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों में 10 से 15% की वृद्धि देख रहे हैं. इसका मतलब है कि उनमें से कई अपने लक्षणों के बढ़ने पर भर्ती हो रहे हैं. अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) या बाकी सांस की बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दवाओं की भी मांग है. लोगों द्वारा सावधानी बरतने - अपनी खिड़कियां बंद करने, अपने दरवाजे बंद करने - के बावजूद संक्रमण बढ़ता हुआ दिख रहा है. जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ रहा है, हम अधिक मरीज देख रहे हैं."

    दिल्ली सरकार ने हवा में प्रदूषण बढ़ने के लिए बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार

    इस बीच, दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है.

    दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने रविवार को एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के बिगड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर नियंत्रण न कर पाने को जिम्मेदार ठहराया है.

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