Dev Uthani Ekadashi 2023: कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी को देवोत्थान या देवउठनी कहा जाता है. हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन मां लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा- अर्चना की जाती है और पापों से मुक्ति मिलती है. इस साल ये एकादशी 23 नवंबर को मनाई जा रही है. इस दिन श्रीहरि विष्णु 4 महीने बाद नींद से जागते है और शुभ व मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं. चारों ओर बस शहनाई की गूंज होती है. नामकरण, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, गृहप्रवेश, यज्ञ जैसे कार्य देवउठनी से होने लगेंगे.
इस दिन घरों में चावल के आटे से चौक और गन्ने का मंडप बनाकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके अलावा भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह (Tulsi Vivah Kab Hai) भी इसी दिन किया जाता है. इस दिन तुलसी के पौधे का दान बहुत उत्तम माना जाता है. इसके अलावा इस दिन मांस-मदिरा आदि का और साथ ही चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. आपको बता दें कि देवउठनी एकादशी की पूजा शाम के समय दीवार पर देवता को बनाकर की जाती है. इससे देवता प्रसन्न होते हैं फिर थाली बजाकर देवताओं को जगाया जाता है.
इस दिन की एक कहानी बेहद प्रचलित है. कहा जाता है कि देवउठनी के दिन रात्रि जागरण कर पूजा करने से आने वाली 10 पीढ़ियों को विष्णु लोक में स्थान मिलता है. इसके अलावा पितृ नरक से मुक्ति भी मिलती है. आपको बता दें कि ये बात श्रीकृष्ण द्वारा कही गई थी. वहीं इस दिन जो लोग व्रत करते हैं वह देवउठनी की कथा जरूर सुनें, क्योंकि उसके बिना ये अधूरा माना जाता है.