दिल्ली कोर्ट ने 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को दी जमानत, CBI ने किया विरोध

    विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने मामले की दलीलों, तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद बुधवार को भूपेश कुमार को जमानत दे दी. सीबीआई ने दिए गए आधार का विरोध किया है.

    दिल्ली कोर्ट ने 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को दी जमानत, CBI ने किया विरोध
    कोर्ट के हैमर की प्रतीकात्मक तस्वीर, फाइल फोटो.

    नई दिल्ली : राउज एवेन्यू कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को जमानत दे दी है, जिस पर एक इंस्पेक्टर की ओर से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.

    वह 15 अक्टूबर, 2024 से हिरासत में है. एक अन्य आरोपी इंस्पेक्टर को पहले ही जमानत मिल चुकी है.

    यह भी पढे़ं : 'मुफासा: द लायन किंग' का हिंदी ट्रेलर रिलीज, कैसे शाहरुख, आर्यन, अबराम ने दी है अपनी उम्दा आवाज़

    दलीलों, तथ्यों और हालात पर विचार के बाद दी जमानत

    विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने मामले की दलीलों, तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद बुधवार को भूपेश कुमार को जमानत दे दी.

    विशेष न्यायाधीश ने 20 नवंबर को आदेश दिया, "इन तथ्यों और परिस्थितियों में समानता के आधार पर, आरोपी भूपेश कुमार को भी 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर जमानत दी जाती है, बशर्ते कि वह इस मामले के गवाहों से संपर्क नहीं करेगा या उन्हें प्रभावित नहीं करेगा, ना ही वह सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और ना ही वह इस अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़ेगा."

    अदालत ने कहा, "चूंकि, सह-आरोपी संदीप कुमार अहलावत को पहले ही 5 नवंबर, 2024 के आदेश के तहत जमानत पर रिहा किया जा चुका है, कथित तौर पर रिश्वत की रकम 10 लाख रुपये पहले ही बरामद हो चुकी है, वर्तमान आरोपी से जुड़ी जांच लगभग पूरी हो चुकी है, अब जांच के लिए उसकी जरूरत नहीं है, वह 15 अक्टूबर, 2024 से लगातार हिरासत में है."

    दलीलों में कहा गया जरूरी जांच कर ली गई है पूरी

    आरोपी के वकील ऋषभ जैन और कौशल कांत ने कहा कि आरोपी 15 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में है और इससे पहले इस आरोपी की दो दिन की पुलिस हिरासत भी ली गई थी और जांच लगभग पूरी हो चुकी है, क्योंकि अधिकांश महत्वपूर्ण गवाहों से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पूछताछ हो चुकी है. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए.

    सीबीआई ने जमानत आर्जी का किया विरोध

    सीबीआई ने जवाब दाखिल कर जमानत अर्जी में लिए गए आधारों को गलत बताया और कहा कि सीबीआई को पूरी आशंका है कि मामले में आरोपी भूपेश कुमार एसआई को जमानत दी गई है, क्योंकि वह स्थानीय पुलिस अधिकारी होने के कारण अभियोजन पक्ष के गवाहों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगा और अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करेगा और इस मामले की चल रही जांच को गंभीर रूप से बाधित करेगा.

    आरोप है कि सह-आरोपी इंस्पेक्टर संदीप कुमार अहलावत की ओर से शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा गया और यह भी कहा गया कि आरोपी को गिरफ्तार करते समय सभी कानूनी औपचारिकताओं का विधिवत पालन किया गया है, इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 या किसी अन्य कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उसे जमानत देना जनता के व्यापक हित के खिलाफ होगा.

    सीबीआई ने 14 अक्टूबर, 2024 को उत्तर पश्चिमी दिल्ली निवासी कृष्ण की 11 अक्टूबर, 2024 की शिकायत के आधार पर बुराड़ी थाने के इंस्पेक्टर संदीप अहलावत और एसआई भूपेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप है कि बुराड़ी थाने में बृजेश शर्मा की शिकायत के आधार पर कृष्ण कुमार, अजय कुमार और नितीश जायसवाल के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था. संदीप अहलावत इस मामले के जांच अधिकारी हैं.

    आगे आरोप लगाया गया कि संदीप अहलावत ने उक्त मामले को निपटाने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि की मांग की और शिकायतकर्ता को इस मामले में दिल्ली पुलिस के भूपेश से मिलने के लिए कहा.

    इसके मुताबिक, शिकायतकर्ता ने बुराड़ी में एसएल भूपेश से उनके घर पर मुलाकात की और शिकायतकर्ता द्वारा अनुरोध किए जाने पर एसआई भूपेश ने 1 करोड़ रुपये के बदले उक्त मामले को निपटाने पर सहमति व्यक्त की और शिकायतकर्ता को सोमवार, 14 अक्टूबर, 2024 को सुबह-सुबह बुराड़ी में फुटबॉल ग्राउंड प्रधान कॉलोनी में उनसे मिलने का निर्देश दिया.

    सीबीआई ने बीते 15 अक्टूबर को जांच के लिए बिछाया था जाल

    सीबीआई ने कहा कि 15 अक्टूबर 2024 को जांच के दौरान एक जाल बिछाया गया, जिसमें आरोपी भूपेश कुमार, एसआई, लीगल सेल, डीसीपी, उत्तर पश्चिम जिला, दिल्ली को शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार से आरोपी संदीप कुमार अहलावत की ओर से पहली किस्त के रूप में 10 लाख रुपये (बातचीत की गई 1.50 करोड़ रुपये की राशि में से) की मांग करते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया.

    यह भी कहा गया है कि 15 अक्टूबर 2024 को जाल की कार्यवाही के दौरान संदीप कुमार अहलावत और आरोपी भूपेश कुमार को गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी ने कहा कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है और एक महत्वपूर्ण चरण में है और सबूत एकत्र किए जाने बाकी हैं.

    यह भी पढे़ं : फॉर्म से जूझ रहे विराट, स्मिथ को पोंटिंग ने दी सलाह, बताया- उनकी बल्लेबाजी कैसे ढलान पर गई

    भारत