नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बार दिल्लीवासियों को एक अनोखा तोहफा मिलने जा रहा है. दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने पहली बार 14 और 15 अगस्त को विधानसभा परिसर आम जनता के लिए खोलने का फैसला लिया है. यह फैसला न सिर्फ नागरिकों को लोकतंत्र के इस मंदिर का अनुभव कराने के लिए है, बल्कि उन्हें इसके गौरवशाली इतिहास से भी रूबरू कराने का अवसर देगा.
इतिहास से होगा साक्षात्कार
पुराने सचिवालय परिसर में स्थित यह ऐतिहासिक भवन 1912 में मशहूर ब्रिटिश वास्तुकार ई. माेंटेग्यू थॉमस की देखरेख में बनाया गया था. हैरानी की बात यह है कि विधानसभा भवन का निर्माण मात्र आठ महीनों में पूरा कर लिया गया था, जिसमें फकीर चंद ठेकेदार ने अहम भूमिका निभाई थी. आज भी यह इमारत अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के कारण विशेष पहचान रखती है. परिसर में फैले 10 एकड़ के हरित क्षेत्र इसकी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं.
कैसे होगा प्रवेश
14 और 15 अगस्त को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लोग यहां घूम सकेंगे. प्रवेश के लिए किसी तरह के पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी, बस पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य रहेगा. परिसर में मौजूद ऐतिहासिक स्थलों और विशेष हिस्सों का भ्रमण कराने के लिए गाइड भी मौजूद रहेंगे, ताकि आगंतुक यहां के इतिहास और महत्व को बेहतर तरीके से समझ सकें.
सुरक्षा और व्यवस्था
स्वतंत्रता दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी. दिल्ली विधानसभा के भीतर जाने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा जांच होगी. अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इसके कामकाज से परिचित कराना है.
इस ऐतिहासिक कदम के जरिए दिल्ली के लोग न केवल अपने विधानसभा भवन को करीब से देख पाएंगे, बल्कि यहां की विरासत, स्थापत्य कला और लोकतांत्रिक महत्व को भी महसूस कर सकेंगे. यह अनुभव निस्संदेह स्वतंत्रता दिवस को और भी यादगार बना देगा.
ये भी पढ़ें: दिल्ली NCR के पुरानी गाड़ियों के मालिकों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा - फिलहाल नहीं होगी कोई कार्रवाई