लखनऊ: स्वर्गीय कमला बहुगुणा के जन्मशताब्दी वर्ष पर, हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 40 विश्वविद्यालयों में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का फाइनल राउंड बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय, लखनऊ में संपन्न हुआ.
प्रतियोगिता का विषय, 'क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है?' था. इस समसामयिक विषय ने छात्रों के बीच गहन विचार-विमर्श को प्रेरित किया. इन 40 विश्वविद्यालयों से चुने गए प्रतिभागियों ने अपने विचार रखते हुए समाज में महिलाओं की स्थिति पर नई दृष्टिकोण प्रस्तुत किए.
प्रतियोगिता में पीयूष कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
प्रतियोगिता के विजेता के रूप में पीयूष कुमार (बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. द्वितीय स्थान पर रतन कुमार सिंह (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) और तृतीय स्थान पर नवेदिता पटेल (केकेसी, लखनऊ) रहीं.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी ने शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री, डॉ. दिनेश शर्मा ने की. उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्या ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
कमला बहुगुणा ने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया
इस अवसर पर आयोजन समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, "मेरी मां स्वर्गीय कमला बहुगुणा ने हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया. इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का उद्देश्य उन्हीं मूल्यों को संजोते हुए युवा पीढ़ी में जागरूकता और साहस का संचार करना है, ताकि वे समाज में महिलाओं की वास्तविक समानता को सुनिश्चित करने की दिशा में अपना योगदान दे सकें."
अन्य विशिष्ट अतिथियों में बीबीडी विश्वविद्यालय की चांसलर डॉ. अलका दास शामिल थीं. कार्यक्रम का संचालन और समापन प्रो. जोशी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ. इस आयोजन में सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया, जिससे यह एक महत्वपूर्ण संवाद का मंच साबित हुआ.