नई दिल्ली : उद्योग विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार के तीन और जीवन रक्षक कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क से छूट देने के प्रस्ताव की सराहना की है. दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए तीन कैंसर दवाओं को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव रखा.
वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 90,958.63 करोड़ रुपये के बढ़े हुए आवंटन के साथ इस कदम को जीवन रक्षक उपचारों को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
डॉ. हर्ष महाजन ने दी प्रतिक्रिया
एएनआई से बात करते हुए महाजन इमेजिंग एंड लैब्स के संस्थापक और अध्यक्ष तथा फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने कहा, "यह निरंतरता और समावेशी विकास का बजट है. उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए तीन जीवन रक्षक दवाओं को छूट देना एक स्वागत योग्य कदम है. एक्स-रे ट्यूब और डिजिटल डिटेक्टरों के घटकों पर सीमा शुल्क में छूट से भारत में डिजिटल एक्स-रे मशीनों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.
नवाचार और कौशल विकास के लिए धन के आवंटन से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वालों को भी मदद मिलेगी. एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी) ने भी केंद्रीय बजट 2024 की सराहना करते हुए इसे दूरदर्शी और प्रगतिशील बताया, जो देश की समग्र आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा.
हम भारत सरकार के आभारी हैः राजीव नाथ
एआईएमईडी फोरम के समन्वयक राजीव नाथ ने एक बयान में कहा, "केंद्रीय बजट 2024 दूरदर्शी और प्रगतिशील है. यह देश के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि यह 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. नाथ ने आगे कहा, "हम भारत सरकार के आभारी हैं कि उसने एक्स-रे उपकरणों के घटकों के आयात पर शुल्क में कमी की है, जब तक कि इनका उत्पादन भारत में न हो जाए. इससे वैश्विक स्तर पर एक्स-रे उपकरणों का विनिर्माण केंद्र बनने के प्रयासों में निवेश में निरंतरता बनी रहेगी.
फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के एमडी ने की सरहाना
फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के एमडी और सीईओ डॉ. आशुतोष रघुवंशी ने भी कैंसर की दवाओं को सीमा शुल्क से छूट दिए जाने की सराहना की. उन्होंने कहा, "हम वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में तीन कैंसर दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने के सरकार के फैसले की सराहना करते हैं.
कैंसर के इलाज में अक्सर मरीजों और उनके परिवारों पर काफी वित्तीय बोझ पड़ता है. इन दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देकर सरकार ने इस बोझ को कम करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है, जिससे देश भर में जरूरतमंद लोगों के लिए आवश्यक दवाएं अधिक किफायती हो गई हैं. यह निर्णय भारत में बढ़ते कैंसर के बोझ को दूर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
शुल्क हटाने से वित्तीय बोझ कम होगा
वहीं सीके बिड़ला अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा ने कहा कि दवाओं पर सीमा शुल्क हटाने से वित्तीय बोझ कम होगा. उन्होंने कहा, "इन दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से छूट देने से उनकी आयात लागत कम होगी, जिससे वे मरीजों के लिए अधिक किफायती हो जाएंगी. इससे उन्नत कैंसर उपचारों तक पहुंच में सुधार हो सकता है, मरीजों और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ कम हो सकता है और संभावित रूप से अधिक रोगियों को इन प्रभावी उपचारों से लाभान्वित करके उपचार के परिणामों में सुधार हो सकता है.
आकाश हेल्थ केयर के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने कहा, "स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र केंद्रीय बजट 2024 का स्वागत करता है. वित्त मंत्री ने बिहार में एक नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 90,958.63 करोड़ रुपये मिले, जो पिछले साल से 12.96 प्रतिशत अधिक है, और तीन और कैंसर उपचार दवाएं अब सीमा शुल्क मुक्त हैं."
उन्होंने कहा, "महिलाओं के विकास के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं, और 80 करोड़ लोगों की मदद करने वाली पीएमजीकेएवाई योजना को पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है. पांच नई योजनाएं अगले पांच वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये के साथ 4.1 करोड़ युवाओं का समर्थन करेंगी. हालांकि, सीतारमण द्वारा घोषित नौ मुख्य प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य सेवा शामिल नहीं थी.
स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों को बेहतर ढंग से किया जा सकता था पेश
कुछ लोगों का मानना है कि बजट में अधिक व्यापक योजना के साथ व्यापक स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों को बेहतर ढंग से पेश किया जा सकता था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 3.0 सरकार का पहला केंद्रीय बजट और संसद के मानसून सत्र के दौरान अपना लगातार सातवां बजट पेश किया.
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