नई दिल्ली: SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति के खिलाफ यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग के आरोपों पर विपक्षी दलों ने तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और विपक्ष ने इस पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रविवार को कहा कि संयुक्त संसदीय समिति के अलावा किसी अन्य उपाय से कुछ नहीं मिलेगा. जेपीसी होनी चाहिए और उसके माध्यम से ही सभी उत्तर सामने आएंगे.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट की साजिश पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर करना है
हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई है, रविवार को हल्ला मचता है ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर कर दिया जाए."
उन्होंने हिंडनबर्ग के पिछले आरोपों के बारे में कहा, "शेयरों के मामले में भी भारत एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है. यह सुनिश्चित करना SEBI की कानूनी जिम्मेदारी है कि बाजार सुचारु रूप से चले. जब SEBI ने जुलाई में अपनी पूरी जांच पूरी करने के बाद, जो कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई थी, हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तब अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना उन्होंने यह हमला किया है, यह बेबुनियाद हमला है."
Shri @rsprasad addresses a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/de70XVsaTk
— BJP (@BJP4India) August 12, 2024
भारत सरकार ने किसी विशेष जांच पर कोई ध्यान नहीं दिया
इससे पहले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था, ''भारत सरकार ने किसी विशेष जांच पर कोई ध्यान नहीं दिया. हिंडनबर्ग एक और रिपोर्ट लेकर आया और SEBI प्रमुख माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की सारी करतूतें अब सबके सामने हैं. ऑफशोर कंपनियों में उनका निवेश ये वो कंपनियां हैं जिनमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने भी निवेश किया है. सवाल ये है कि जब माधबी बुच को SEBI का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, तब क्या उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी? यह एक बड़ी विफलता थी. सरकार, जो खुद को बहुत सतर्क मानती है, उसे इसके बारे में पता नहीं है? संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कम कुछ भी नहीं मिलेगा, जेपीसी होनी चाहिए और उसके माध्यम से ही सभी उत्तर सामने आएंगे.''
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी एक दिन पहले एएनआई से कहा था, "ये गंभीर मामले हैं. मुझे विवरण की जानकारी नहीं है. ऐसे किसी भी आरोप का संतोषजनक जवाब दिया जाना चाहिए या जांच की जानी चाहिए. इन चीजों को ऐसे ही लटकाए नहीं रखा जा सकता है और ईमानदारी पर सवाल उठाए जा सकते हैं. हमारे सिस्टम के लिए यह महत्वपूर्ण है कि या तो आरोपी लोगों द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण दिया जाए या फिर जांच की जाए."
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