लखनऊ (उत्तर प्रदेश): भारत के खेल परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने कार्यालय में खेल महाकुंभ - खेल संवाद संगम के लोगो और वेबसाइट का अनावरण किया. यह कार्यक्रम टीवाईसी कम्युनिकेशन द्वारा क्रीड़ा भारती के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है.
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यह महाकुंभ एक नई चिंगारी प्रज्वलित करेगा, जिससे भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त होगा. हमारे युवा खेलों को अपनाकर न केवल अपना उज्ज्वल भविष्य बनाएंगे बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान देंगे. इस पहल का उद्देश्य खेलों को जीवन का अभिन्न अंग बनाते हुए पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना है. उत्तर प्रदेश इस ऐतिहासिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग देगा."
फरवरी में प्रयागराज के महाकुंभ मैदान में होगा आयोजन
फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में प्रयागराज के महाकुंभ मैदान में होने वाले खेल महाकुंभ का उद्देश्य भारत की समृद्ध खेल परंपराओं को पुनर्जीवित करना और नीति निर्माताओं, एथलीटों और विशेषज्ञों के लिए एक साथ आने और विश्व स्तर पर भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच बनाना है. टीवाईसी कम्युनिकेशन और क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम एशियाई खेलों, ओलंपिक और अन्य प्रतिष्ठित आयोजनों जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भारत की भागीदारी और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
क्रीड़ा भारती के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह ने कहा, "खेल महाकुंभ एक ऐतिहासिक मंच है जो पारंपरिक और आधुनिक खेलों के बीच सामंजस्य लाएगा. यह एक अनूठी पहल है जो एथलीटों की भावी पीढ़ियों को तैयार करने और वैश्विक खेल क्षेत्र में भारत की स्थिति को ऊंचा करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगी."
विजेताओं को 2.5 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाएगा
7-दिवसीय कार्यक्रम में आकर्षक पैनल चर्चा, प्रतियोगिताएं और कार्यशालाएं शामिल होंगी. मल्लखंब, कुश्ती और तीरंदाजी की प्रतियोगिताएं पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में होंगी, जिसमें विजेताओं को 2.5 लाख रुपये और उपविजेता को 75,000 रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
7-दिवसीय कार्यक्रम में आकर्षक पैनल चर्चा, प्रतियोगिताएं और कार्यशालाएं शामिल होंगी. मल्लखंब, कुश्ती (कुश्ती) और तीरंदाजी की प्रतियोगिताएं पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में होंगी, जिसमें विजेताओं को 2.5 लाख रुपये और उपविजेता को 75,000 रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
मार्शल आर्ट को अभूतपूर्व पैमाने पर प्रदर्शित किया जाएगा
खेल महाकुंभ का एक अन्य प्रमुख आकर्षण योग और कलारीपयट्टू का रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन होगा, जिसमें भारत की प्राचीन कल्याण प्रथाओं और मार्शल आर्ट को अभूतपूर्व पैमाने पर प्रदर्शित किया जाएगा.
आयोजन का मुख्य आकर्षण 'एक्सपीरियंस जोन' होगा, जहां भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की खेल परंपराएं जीवंत होंगी. गिल्ली-डंडा, रस्साकशी, फुगड़ी, मल्लयुद्ध और कई अन्य पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे आगंतुकों को उनके इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानने का मौका मिलेगा. प्रतिभागियों को इन प्राचीन खेलों को प्रत्यक्ष रूप से खेलने और अनुभव करने का अनूठा अवसर भी मिलेगा.
100 व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित किया जाएगा
यह भव्य कार्यक्रम एक पुरस्कार समारोह के साथ समाप्त होगा, जहां 100 व्यक्तियों और संस्थानों को भारतीय खेलों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा. इसमें एथलीटों, कोचों, खेल संस्थानों, लेखकों और ऐसे व्यक्तियों को पहचानना शामिल है जिन्होंने खेल की उन्नति के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित खेल महाकुंभ भारत के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होने का वादा करता है. इस आयोजन का मिशन देश की खेल संस्कृति को मजबूत करना, युवा प्रतिभाओं का पोषण करना और 2036 ओलंपिक के लिए भारत की तैयारी की नींव रखना है.
इस मौके पर एमएलसी अंगद सिंह भी मौजूद रहे. खेल महाकुंभ प्रतिस्पर्धा, संवाद और उत्सव के इस असाधारण संगम को देखने के लिए देश भर से प्रतिभागियों और दर्शकों को हार्दिक रूप से आमंत्रित करता है.
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