सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा- उत्तराखंड में 9 नवंबर से पहले लागू होगी यूनिफॉर्म सिविल कोड

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को दोहराया कि उत्तराखंड सरकार राज्य के स्थापना दिवस 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पेश करेगी.

    CM Pushkar Singh Dhami said- Uniform Civil Code will be implemented in Uttarakhand before November 9
    सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा- उत्तराखंड में 9 नवंबर से पहले लागू होगी यूनिफॉर्म सिविल कोड/Photo- ANI

    देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को दोहराया कि उत्तराखंड सरकार राज्य के स्थापना दिवस 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पेश करेगी.

    मुख्यमंत्री ने कहा, "नकल विरोधी कानून के अलावा, राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून आदि कानून लागू किये हैं. इनके लागू होने से आज पूरे देश में उत्तराखंड की पहचान शून्य के साथ एक अनुशासित राज्य के रूप में बन गयी है. अपराध के प्रति सहिष्णुता. 9 नवंबर 2024 से पहले राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी."

    विशेष रूप से, राज्य को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान वर्ष 2000 में 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश से अलग किया गया था. शुरुआत में इसका नाम उत्तरांचल था, जिसे 1 जनवरी 2007 को बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया.

    यूसीसी विधेयक पेश हुआ एक दिन बाद भारी बहुमत से पारित हुआ

    भाजपा सरकार ने इस साल 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा के एक विशेष सत्र के दौरान यूसीसी विधेयक पेश किया और एक दिन बाद 7 फरवरी को इसे भारी बहुमत से पारित कर दिया गया.

    धामी ने कहा कि यूसीसी विधेयक का पारित होना उत्तराखंड के इतिहास में एक "ऐतिहासिक दिन" है. समान नागरिक संहिता समान व्यक्तिगत कानूनों का एक सेट स्थापित करने का प्रयास करती है जो धर्म, लिंग या जाति की परवाह किए बिना सभी नागरिकों पर लागू होते हैं.

    इसमें विवाह, तलाक, विरासत और उत्तराधिकार जैसे पहलू शामिल

    इसमें विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे पहलू शामिल होंगे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को राष्ट्र को अपना स्वतंत्रता दिवस संबोधन देते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करते हुए कहा था कि भारत को अब देश को धर्म-आधारित भेदभाव से मुक्त करने के लिए एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ना होगा.

    पीएम मोदी ने देश भर में समान नागरिक संहिता के प्रस्तावित कार्यान्वयन पर भी चर्चा का आह्वान किया और लोगों से अपने सुझाव देने को कहा.

    ये भी पढ़ें- विराट कोहली विचारों और कार्यों में ऑस्ट्रेलियाई हैं, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बोले स्टीव स्मिथ

    भारत