बिहारः LJP पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC) में लेटरल एंट्री को पूरी तरह से गलत बताया है और कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाने के लिए एक योजना तैयार कर रहे हैं.
क्या कहा चिराग पासवान ने?
इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख को साफ करते हुए उन्होंने कहा कि एलजेपी ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा, “जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह मामला प्रकाश में आया है, वह उनके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है और इन मुद्दों को सामने लाने के लिए उनके पास मंच है.
हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने कहा, "ऐसी नियुक्तियों पर मेरी पार्टी का रुख बिल्कुल स्पष्ट है. जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन होना चाहिए. अपनी पार्टी की ओर से बोलते हुए, हम इसके बिल्कुल पक्ष में नहीं हैं. यह पूरी तरह से गलत है और मैं इस मामले को सरकार के समक्ष उठाऊंगा."
लेटरल सिस्टम होता क्या है
अगर आपको भी लेटरल सिस्टम के बारे में नहीं पता कि आखिर यह सिस्टम है क्या तो बता दें कि सरल भाषा में इसे यूं कहा जा सकता है कि इस UPSC लेटरल सिस्टम के जरिए उन पदों पर उम्मीदवारो की नियुक्ति की जाती है. जिन पद पर IAS रैंक के ऑफिसर्स को तैनात किया जाता है. जैसे इसमें विभिन्न विभाग, मंत्रालय, विभागों और संगठनों में सीधे उपसचिव यानी ज्वाइंट स्क्रेटरी और डायरेक्टर/डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाता है. यानी बिना परीक्षा के सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा नहीं लेता है और बिना एग्जाम के ही इंटरव्यू के आधार पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की इन पदों पर नियुक्ति की जाती है.
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