चंद्रयान 3 की लैंडिंग में अब 24 घंटे से भी कम समय बचा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. अंतरिक्ष यान को उतारना सबसे कठिन और नाजुक प्रक्रिया है. इसमें आखिरी के 15 मिनट सबसे अहम होते हैं. आपको बता दें कि चार साल पहले लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट में क्रैश हो गया था. ऐसे में इस बार भी यह समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इन आखिरी 15 मिनट में चंद्रयान कई पड़ावों से गुजरेगा.
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में 24 घंटे से भी कम वक्त
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) August 22, 2023
कल शाम 6.04 बजे होगी चंद्रयान-3 की लैंडिंग
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लैंडिंग के पहले चरण में चंद्रयान की रफ ब्रेकिंग की जाएगी. इस दौरान चंद्रयान की गति कम कर दी जाएगी. यहां चंद्रयान की गति सिर्फ 358 मीटर प्रति सेकंड होगी. दूसरे चरण में, अंतरिक्ष यान का ऊंचाई पकड़ चरण होगा। इस दौरान चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से सिर्फ 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा.
वहीं, फाइन ब्रेकिंग चरण में चंद्रयान चंद्रमा की सतह से लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा और चंद्रयान की गति शून्य होगी। यह लैंडिंग का तीसरा चरण होगा, जबकि चौथे चरण में चंद्रयान-3 चंद्रमा पर समतल जमीन ढूंढकर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा।
आखिरी 15 मिनट की प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती चंद्रयान-3 की गति को कम करना है...थ्रस्टर्स लैंडर को गति देने का काम करेंगे. लैंडर में चार थ्रस्टर हैं, जो विपरीत दिशा में चलेंगे और उससे ही चंद्रयान-3 की गति कम हो जाएगी.
इस संबंध में खगोल वैज्ञानिक आरसी कपूर का कहना है कि आखिरी पंद्रह मिनट की पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती चंद्रयान-3 की गति को कम करना है. इसकी गति कम करने के लिए लैंडर को गति देने वाले थ्रस्टर्स उपयोगी होंगे. लैंडर में चार थ्रस्टर हैं, जो विपरीत दिशा में चलेंगे और उससे ही चंद्रयान-3 की गति कम हो जाएगी. वैज्ञानिक इन थ्रस्टर्स के जरिए लैंडर की गति को नियंत्रित कर उसे लैंड कराने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है, इसलिए पृथ्वी की तरह चंद्रमा पर लैंडर को नहीं उतारा जा सकता है.
इसरो के पूर्व प्रमुख के सिवन का कहना है कि इस बार आखिरी पंद्रह मिनट के आतंक से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं. चंद्रयान-3 का पूरा सिस्टम परफेक्ट है, जिसका गवाह इसरो द्वारा भेजी गई चंद्रमा की यह ताजा तस्वीर है, जिसे इसरो ने जारी किया है. उन्होंने कहा, "इस बार यह जबरदस्त सफलता होगी। चंद्रयान-2 से हमने जो सबक सीखा है, उसके आधार पर सिस्टम और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है "