Chandipura vs Dengue : चांदीपुरा वायरस और डेंगू में क्या अंतर है, जानें कैसे पहचानें

    देश में चांदीपुरा वायरस और डेंगू वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. इस वायरस की वजह से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. गुजरात में चांदीपुर वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. यह वायरस कई अन्य राज्यों में भी फैल चुका है. जानें दोनों में क्या है अंतर.

    Chandipura vs Dengue : चांदीपुरा वायरस और डेंगू में क्या अंतर है, जानें कैसे पहचानें
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    नई दिल्ली : देश में चांदीपुरा वायरस और डेंगू वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. इस वायरस की वजह से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. गुजरात में चांदीपुर वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. यह वायरस कई अन्य राज्यों में भी फैल चुका है. दूसरी ओर, डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं. हालांकि, डेंगू वायरस से मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पीड़ितों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि चांदीपुरा वायरस और डेंगू वायरस के कुछ लक्षण समान हैं. ऐसे में इन दोनों वायरस के बीच अंतर करना जरूरी है.

    चिकित्सा विभाग के डॉ. सुभाष गिरी का कहना है कि चांदीपुरा वायरस का संक्रमण होने पर तेज बुखार, सिर दर्द और सांस लेने में दिक्कत होगी. चांदीपुरा मस्तिष्क को प्रभावित करता है. लेकिन डेंगू पीड़ितों को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती. डेंगू बुखार किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. लेकिन चांदीपुरा वायरस के शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं.

    कैसे फैलता है चांदीपुरा वायरस?

    चांदीपुरा वायरस संक्रमित मक्खी या मच्छर के काटने से फैलता है. यह वायरस बच्चे के शरीर में प्रवेश करता है और सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता है और फिर मस्तिष्क में चला जाता है. अगर वायरस मस्तिष्क को प्रभावित करता है तो यह इंसेफेलाइटिस जैसे गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है. इस स्थिति में डॉक्टरों के लिए मरीज की जान बचाना चुनौती भरा होता है. चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए कोई टीका नहीं है. साथ ही इसका कोई उचित इलाज भी नहीं है. इसलिए मरीज के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए इलाज लिखेंगे.

    डेंगू के लक्षण

    डेंगू के ज़्यादातर मरीज़ों को बुखार और मांसपेशियों में दर्द होता है. डेंगू आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है. इससे गंभीर लक्षण नहीं दिखते. हालांकि, कुछ मामलों में डेंगू शॉक सिंड्रोम का कारण बन सकता है. तब यह जानलेवा हो सकता है. डेंगू पीड़ितों में प्लेटलेट्स तेज़ी से कम होते हैं. अगर प्लेटलेट्स 40 हज़ार से नीचे पहुंच जाते हैं, तो मरीज़ की जान को ख़तरा होता है. डेंगू और चांदीपुरा वायरस में एक बड़ा अंतर यह है कि चांदीपुरा वायरस में डेंगू के मुक़ाबले मृत्यु दर ज़्यादा है. चांदीपुर में मेनिनजाइटिस से मौत हो सकती है. डेंगू में ऐसे गंभीर लक्षण कम ही देखने को मिलते हैं.

    कैसे बचें

    हाथों को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें.

    घर के आस-पास पानी जमा होने से रोकने के लिए कदम उठाएँ.

    रात में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

    खाने-पीने पर ध्यान दें.

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