कज़ान (रूस): यह देखते हुए कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता और जलवायु परिवर्तन जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स समूह सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है.
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समूह का दृष्टिकोण जन-केंद्रित होना चाहिए.
ब्रिक्स एक विभाजनकारी नहीं बल्कि एक जनहित समूह है
पीएम मोदी ने कहा, "हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है. दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है और प्रौद्योगिकी के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं. ऐसे में मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. इस संदर्भ में, हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स एक विभाजनकारी नहीं बल्कि एक जनहित समूह है."
उन्होंने कहा, "हम युद्ध नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं. और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. इसी तरह हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित और संरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के लिए काम करना चाहिए."
हमें आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग करना चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी ब्रिक्स देशों को आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूती से सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा, "आतंकवाद और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और दृढ़ता से सहयोग करना होगा. ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानकों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें अपने देशों के युवाओं के बीच कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए. हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा."
My remarks during the BRICS Summit in Kazan, Russia. https://t.co/TvPNL0HHd0
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2024
पीएम मोदी ने कहा, "भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है. इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए. मार्गदर्शक सिद्धांत, मानक, मानदंड और प्रक्रियाएं जिन्हें हमने जोहान्सबर्ग में अपनाया है शिखर सम्मेलन का सभी सदस्य और भागीदार देशों को अनुसरण करना चाहिए."
पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार की वकालत की
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की वकालत की. उन्होंने कहा, "हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक, डब्ल्यूटीओ जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थानों में सुधार नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं."
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