मुंबई (महाराष्ट्र): भारतीय रुपये में कमजोरी और भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का पता लगने से सोमवार को कारोबारी सत्र में इक्विटी बेंचमार्क में डेढ़ प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50 388 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ 23,616.05 पर और बीएसई सेंसेक्स 1,258 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ 77,964.99 पर बंद हुआ.
सभी सेक्टरों के सूचकांक भारी गिरावट
एनएसई में सभी सेक्टरों के सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए, जिसमें पीएसयू बैंक करीब 4 प्रतिशत पीछे रहे. बीएसई पर मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 2-3 प्रतिशत नीचे रहे. जानकारों का मानना है कि भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के प्रकोप को लेकर भय और चिंताएं, जिनमें कर्नाटक में दो मामले सामने आए हैं, ने बाजार में घबराहट पैदा की है.
बाजार और बैंकिंग विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा, "भारत में HMPV के मामलों के उभरने के कारण कुछ निरंतर मुद्दों और कमजोर भावना के कारण सोमवार को भारतीय बाजारों में मंदी रही." बाजार विशेषज्ञ विजय चोपड़ा ने भी इसी तरह की जानकारी साझा की, उन्होंने कहा कि HMPV वायरस के डर के कारण बाजार में डर है.
आपको बता दें कि बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप शुक्रवार यानी 3 जनवरी को 4.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। आज वह बिकवाली के दबाव में 4.38 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस तरह निवेशकों के आज एक दिन में 11 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
वायरस के डर के कारण बाजारों में गिरावट
इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और एमडी श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, "वायरस के डर के कारण बाजारों में गिरावट देखी जा रही है. विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी स्वास्थ्य सलाह ने निवेशकों को डरा दिया है. खुदरा निवेशक जो बाजारों में नए हैं, वे बाजार से सावधान हैं." एचएमपीवी के डर के अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से भी निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ा है.
ये भी पढ़ेंः पाताल लोक-2 का ट्रेलर रिलीज, एक और सस्पेंस से पर्दा उठाएंगे 'हाथीराम'