मुजफ्फरनगर, जागरण डिजिटल डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की छात्रा जाह्नवी ने सिर्फ 17 वर्ष की उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है. महज 17 वर्ष की उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि पाना एक रिकॉर्ड है. इस उपलब्धि पर माता-पिता भी खुश हैं. लोगों का कहना है कि यह मुजफ्फरपुर जिले के लिए भी गर्व की बात है. जाह्नवी को पुद्दुचेरी में यह सम्मान दिया जा रहा है और इसके लिए बुलावा पत्र भी आया है. आपको यह बता दें कि जाह्नवी को समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योग्यता हासिल करने की वजह से सबसे कम उम्र में मानद डॉक्टरेट की उपाधि साउथ कोरिया की बुशान क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी फॉर फॉरेन स्टडीज द्वारा दी गई है.
इस कामयाबी पर जाह्नवी का कहना है कि जब वो छोटी थी तभी से लगातर सोशल वर्क कर रही हैं. वह 'लैंगिक समानता' विषय पर लोगों को जागरूक भी कर रही है. इसके लिए उनके माता-पिता ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया है. यह वजह कि उन्होंने यह मुकाम हासिल किया.
उधर, डॉक्टरेट की उपाधि मिलने से जाह्नवी काफी खुश हैं. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपना माता पिता को दिया. बेटी की इस उपलब्धि को देखकर मां अर्चना कुमारी भी काफ़ी खुश हैं. मां का कहना है कि आज उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया. जाह्नवी के पिता संतोष कुमार ने बताया कि बचपन से ही जाह्नवी काफी प्रतिभाशाली छात्रा रही है.
माता-पिता ने भी सोशल वर्क में किए जा रहे उसके कामों को उन्होंने हमेशा प्रोत्साहित किय, जिसके चलते इतनी छोटी उम्र में ही उसने कई बड़े रिकॉर्ड बना लिए. अब उसे यह बुलावा आया है जिसको लेकर हमलोग भी पुद्दुचेरी जा रहे हैं. यह उपाधि जाह्नवी को जनवरी माह में मिलनी थी, लेकिन तमिलनाडु में आई बाढ़ की वजह यह टाल दिया गया था और अब 3 फरवरी को बुलाया गया है.
रिपोर्ट : विशाल कुमार