शिमला (हिमाचल प्रदेश): भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने चल रहे 'समोसा' विवाद के बीच शनिवार को शिमला में 'समोसा' मार्च का आयोजन किया. यह विरोध समोसे और केक की सीआईडी जांच को लेकर है जो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए थे लेकिन गलती से उनके स्टाफ को परोस दिए गए.
जांच पर विवाद बढ़ने पर सीएम सुक्खू ने कहा कि जांच दुर्व्यवहार की घटना से जुड़ी है और उन्होंने समोसा विवाद के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया.
मीडिया 'समोसा' के बारे में खबर चला रहे हैं- सुक्खू
सीएम सुक्खू ने शुक्रवार को एएनआई से बात करते हुए कहा, "ऐसी कोई बात नहीं है. यह (सीआईडी) दुर्व्यवहार के मुद्दे पर शामिल हुई, लेकिन आप (मीडिया) 'समोसा' के बारे में खबर चला रहे हैं."
इसके अलावा सीआईडी के डिप्टी जनरल संजीव रंजन ओझा ने कहा कि यह सीआईडी का आंतरिक मामला है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
यह पूरी तरह से सीआईडी का आंतरिक मामला है
ओझा ने कहा, "यह पूरी तरह से सीआईडी का आंतरिक मामला है. इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. सीएम समोसा नहीं खाते हैं. हमने किसी को नोटिस नहीं दिया है. हमने सिर्फ यह कहा है कि पता लगाएं कि क्या हुआ था. सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम पता लगाएंगे कि यह जानकारी कैसे लीक हुई."
हिमाचल प्रदेश सीआईडी ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए बनाए गए समोसे और केक गलती से उनके स्टाफ को कैसे परोस दिए गए.
कथित घटना की डीएसपी द्वारा पूरी जांच की गई
21 अक्टूबर को सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान हुई कथित घटना की पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) द्वारा पूरी जांच की गई. जांच में यह समझने की कोशिश की गई कि निरीक्षण के लिए कौन से अधिकारी और कर्मचारी सदस्य जिम्मेदार थे.
#WATCH हिमाचल प्रदेश: भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए शिमला में 'समोसा' मार्च का आयोजन किया । pic.twitter.com/ANj7ejUE4u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2024
मुख्यमंत्री ने साइबर विंग के नए सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए सीआईडी मुख्यालय का दौरा किया. हालांकि, सीएम की जगह उनके स्टाफ को समोसा और केक परोसा गया, जिससे आंतरिक सीआईडी जांच शुरू हो गई. डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा कि मामले की जांच पुलिस मुख्यालय नहीं बल्कि सीआईडी कर रही है.
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि एक महानिरीक्षक (आईजी) अधिकारी ने एक उप-निरीक्षक को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए शिमला के लक्कड़ बाजार में एक पांच सितारा होटल से खाना खरीदने के लिए कहा था.
ये भी पढ़ें- PM Modi ने ब्लॉग लिखकर रतन टाटा को किया याद- बताया उन्हें अमूल्य रत्न, उनकी खूबियां गिनाई, प्रेरणास्रोत कहा