Crypto Currency Cyber Fraud: हरिद्वार के रहने वाले राहुल अग्रवाल, जो पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, बेंगलुरु के एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinDCX में काम कर रहे थे. अचानक उनके मोबाइल पर जापान से एक कॉल आई, जो उनकी जिंदगी को पल भर में बदलने वाली थी. एक सामान्य सी बातचीत के बाद, मिनटों में 379 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ और राहुल के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा हो गए. यह मामला पुलिस तक पहुंचा और फिर जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया. यह मामला क्रिप्टोकरेंसी की एक बड़ी ठगी से जुड़ा था, जिसने एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म CoinDCX के सर्वर में सेंधमारी कर 379 करोड़ रुपये की चोरी कर ली थी.
कैसे हुई यह ठगी?
राहुल अग्रवाल, जो CoinDCX के स्थायी कर्मचारी थे, को कंपनी ने ऑफिस का काम करने के लिए लैपटॉप और अन्य सुविधाएं दी थी. लेकिन, जब 19 जुलाई को रात के समय कंपनी के सर्वर में सेंधमारी की गई, तो जांच में यह पता चला कि राहुल के लॉगिन क्रेडेंशियल्स का गलत इस्तेमाल किया गया था. एक अज्ञात व्यक्ति ने राहुल के सिस्टम को हैक कर लिया और 44 मिलियन डॉलर (379 करोड़ रुपये) को छह अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया. हैकिंग की पूरी घटना 2:37 AM पर शुरू हुई और सुबह होते-होते पूरी रकम ट्रांसफर हो चुकी थी.
कंपनी की अंदरूनी जांच और राहुल का बयान
कंपनी ने तुरंत जांच शुरू की और पाया कि राहुल के लैपटॉप में सिक्योरिटी क्रेडेंशियल्स के साथ छेड़छाड़ की गई थी. कंपनी के उपाध्यक्ष हरदीप सिंह ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. पुलिस ने जब राहुल को गिरफ्तार किया, तो उसने शुरुआत में यह दावा किया कि उसे इस चोरी के बारे में कुछ भी पता नहीं था और वह पूरी तरह से निर्दोष है.
राहुल के खाते में अचानक 15 लाख रुपये जमा
लेकिन जब पुलिस ने गहरी जांच की, तो एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ. राहुल के बैंक खाते में अज्ञात सोर्स से 15 लाख रुपये जमा किए गए थे. इस पुख्ता सबूत ने राहुल के खिलाफ मामला मजबूत कर दिया. बाद में राहुल ने स्वीकार किया कि उसे जर्मनी से एक व्हॉट्सऐप कॉल आई थी, जिसमें उसे कुछ फाइलों को पूरा करने के लिए कहा गया था. इन्हीं फाइलों में से एक फाइल ने कंपनी के सिस्टम को हैक किया और इस पूरी ठगी की शुरुआत हुई.
पुलिस का दावा और आने वाली कार्रवाई
पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया है और अब जांच का दायरा और भी बढ़ा दिया गया है. इस मामले में क्रिप्टोकरेंसी और साइबर अपराधों से संबंधित नए सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और साइबर सुरक्षा के इस उल्लंघन को रोकने के लिए भविष्य में और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे.