ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (बीबीसी) इंडिया के लिए मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. साल 2023 में जिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) मामले में जांच चल रही थी, अब उसी केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी पर 3.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला बीबीसी इंडिया द्वारा कथित रूप से विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन करने के कारण दर्ज किया गया था.
फरवरी 2023 में भी हुआ था सर्वे
इससे पहले, फरवरी 2023 में ईडी ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग के सर्वे के बाद मामला दर्ज किया था. इस मामले में ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों और मुनाफे के डायवर्जन के कथित उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे. ईडी ने शुक्रवार को जारी आदेश में बीबीसी इंडिया पर 3,44,48,850 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, बीबीसी इंडिया के तीन निदेशकों - गाइल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिबन्स - पर भी जुर्माना लगाया गया है. इन पर कुल मिलाकर 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि उन्होंने कंपनी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीबीसी हमेशा उन देशों के नियमों का पालन करता है, जहां वह काम करता है, और भारतीय नियमों का भी पूरी तरह पालन करता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया और न ही इसके निदेशकों को ईडी से कोई आदेश प्राप्त हुआ है. प्रवक्ता ने कहा, "यदि कोई आदेश प्राप्त होता है, तो हम उसे ध्यानपूर्वक समीक्षा करेंगे और इस पर उचित कदम उठाएंगे."
बीबीसी पर क्या आरोप हैं?
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, बीबीसी पर आरोप है कि 18 सितंबर 2019 को डीपीआईआईटी (DPIIT) द्वारा जारी किए गए एक प्रेस नोट के बावजूद, बीबीसी इंडिया ने अपनी एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत तक घटाई नहीं, जो कि सरकारी नियमों के अनुसार आवश्यक था. बीबीसी ने अपनी डिजिटल मीडिया कंपनी के एफडीआई को 100 प्रतिशत पर बनाए रखा, जबकि सरकार ने इसे केवल 26 प्रतिशत तक सीमित करने का निर्देश दिया था.
यह मामला तब और ज्यादा चर्चा में आया था, जब बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" बनाई थी. इस डॉक्यूमेंट्री के कारण केंद्र सरकार ने यूट्यूब और ट्विटर को निर्देश दिया था कि वे इसके लिंक को हटा दें, क्योंकि इसे "भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ" पाया गया था.
इसके बाद, आईटी डिपार्टमेंट ने फरवरी 2023 में तीन दिनों तक सर्वे किए, और कहा कि उसने बीबीसी इंडिया के ट्रांसफर प्राइसिंग दस्तावेजों में कई विसंगतियां पाई हैं. विभाग ने यह भी कहा कि बीबीसी ग्रुप की कुछ संस्थाओं द्वारा दिखाए गए आय और मुनाफे का स्तर भारत में उनके संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं था.
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