Multiple Bank Savings Accounts: आज के समय में ये बहुत जरूर हो गया है कि हर एक व्यक्ति के पार उसका बैंक खाता हो. केंद्र सरकार (Central Government) की भी कोशिश यही रही है कि देश के हर शहर में बैंकिंग सेवाओं (Banking Facility) का लाभ मिल सके. इसके लिए सरकार प्रधानमंत्री जनधन खाते (Pradhan Mantri Jan Dhan Account) के तहत देश के हर नागरिक तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुंचाती है. लेकिन, बहुत से लोगों के पास एक से ज्यादा सेविंग खाता होता है. कई बार नौकरियां बदलने के कारण भी लोगों के पास कई सारे बैंक अकाउंट हो जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये कई बैंकों में अपना खाता रखना समझदारी नहीं है. चलिए जानते हैं-
एक से अधिक बैंक बचत खाते रखने से मौद्रिक नुकसान (Monetary Loss) हो सकता है. इस परलोगों का ध्यान नहीं जाता है. क्योंकि अगर एक अकाउंट होता है तो आयकर रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाता है.
जब एक से ज्यादा बैंक खाते होते है तो व्यक्ति सभी का इस्तेमाल नहीं कर पाता है. ऐसे में यूज ना होने के कारण मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाता. इस वजह से ग्राहक के सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर असर पड़ता है.
एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट पर आजकल लोग डेबिट कार्ड, SMS Alert आदि की सुविधा ले लेते हैं. ऐसे में बैंक कई तरह के सर्विस चार्ज लेता है. इसके चलते आपको ज्यादा पैसे का भुगतान करना पड़ सकता है.
इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरते समय अपने सभी बैंक खातों की जानकारी दर्ज करनी होती है. ऐसे में बैंक अकाउंट की डिटेल निकालने में परेशानी हो सकती है. वहीं, अगर कुछ छुट जाए तो ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ता है.
ज्यादा बैंक खाते होने की वजह से सभी की जानकारी हम आपने पास नहीं रख पाते हैं. ऐसे में फ्रॉड (Fraud) का खतरा बड़ जाता है. लोग आसानी से आपके पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) की जानकारी चुरा सकते है.