PM Modi के संरक्षण में बनारसी साड़ी को मिली खास पहचान, उद्योग को मिला वैश्विक आकर्षण

    चाहे शादी हो, त्योहार हो या कोई अन्य अवसर, बनारसी साड़ियां भारतीय महिलाओं के लिए उनके पारंपरिक लुक को बढ़ाने और उसमें सुंदरता जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय ऑप्शन में से एक हैं. साड़ी अपनी समृद्ध और विस्तृत बुनाई और ज़री के काम के कारण एक शाही रूप में दिखती है. 

    Banarasi Saree
    Banarasi Saree

    वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में बनारसी साड़ी (Banarasi Saree) को खास पहचान मिली है. चाहे शादी हो, त्योहार हो या कोई अन्य अवसर, बनारसी साड़ियां भारतीय महिलाओं के लिए उनके पारंपरिक लुक को बढ़ाने और उसमें सुंदरता जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय ऑप्शन में से एक हैं. साड़ी अपनी समृद्ध और विस्तृत बुनाई और ज़री के काम के कारण एक शाही रूप में दिखती है. 


    स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित बनारसी साड़ियां न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं. अपने 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत, सरकार ने बनारसी साड़ियों को बढ़ावा देने और बुनकरों के लिए अधिक अवसर पैदा करने के लिए प्रमुख फैशन डिजाइनरों को शामिल करने का प्रयास किया है ताकि वे अपनी कला का उपयोग करके अच्छी कमाई कर सकें.

    14 मई को प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं नामांकन 

    पीएम मोदी द्वारा 14 मई को वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरे कार्यकाल के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की उम्मीद है, बनारसी साड़ी निर्माताओं ने इस बारे में बात की कि पीएम मोदी के संरक्षण में उनका व्यवसाय कैसे फला-फूला उन्होंने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘विरासत भी, विकास भी’ की खुलकर सराहना की. इस क्षेत्र के निर्माता वैश्विक स्तर पर इस सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से खुश हैं.

    PM Modi के प्रयासों से वाराणसी का कद बढ़ा

    अनुभवी साड़ी व्यवसायी संजय जैन, जिनकी पारिवारिक विरासत एक सदी से अधिक समय से चली आ रही है, ने पीएम मोदी की पहल के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बताया, "बनारसी साड़ी सदियों से प्रसिद्ध है. हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने इन साड़ियों के व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. उनके प्रयासों ने वाराणसी के कद को ऊंचा किया है और हमारे उद्योग को वैश्विक मंच पर पहुंचाया है. हमने अपने निर्यात उद्यमों में वृद्धि देखी है, खासकर विदेशी बाजारों में, जहां हमारी बनारसी साड़ियों की मांग बढ़ गई है."

    यह भी पढ़ें- यूपी की शाहजहाँपुर लोकसभा सीट पर BJP, SP, BSP के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

    साड़ी निर्माण का केंद्र है जलालीपुरा 

    जलालीपुरा, जिसे साड़ी निर्माण केंद्र के रूप में जाना जाता है, में मुख्य रूप से बुनकर शामिल हैं. यहां, शिल्पकार अपने काम को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने से खुश हैं. जलालीपुरा के बुनकर वकील अहमद ने कहा कि युवाओं के बीच भी बनारसी साड़ियों की काफी मांग है, "आपको अलग-अलग कीमत पर अलग-अलग वैरायटी की साड़ियां मिल सकती हैं. यहां तक कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी ऑनलाइन साड़ियां खरीदना पसंद करते हैं."

    मिशेल ओबाना के पहली 2015 भारत यात्रा पर 50 सर्वश्रेष्ठ साड़ियां देने का आग्रह 

    वर्षों पहले, पीएम मोदी ने वाराणसी के कारीगरों से संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा को उनकी 2015 की भारत यात्रा के दौरान कम से कम 50 सर्वश्रेष्ठ बनारसी साड़ियाँ देने का आग्रह किया था. निस्संदेह, पिछले कुछ वर्षों में बनारसी साड़ियों ने वैश्विक स्तर पर इतना ध्यान आकर्षित किया है, जितना पहले कभी नहीं हुआ.

    यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: 2 राज्यों में विधानसभा समेत 9 स्टेट और 1 UT की 96 सीटों पर कल चौथे चरण में वोटिंग

    भारत