अयोध्या: सपा नेता और अयोध्या गैंगरेप कांड के आरोपी मोईद खान का DNA टेस्ट होगा. फैजाबाद जेल में बंद मोईद खान का सैंपल लिया जाएगा. पुलिस ने टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी है. अभी तक मोईद खान का मोबाइल भी नहीं मिला है. पुलिस मोईद खान को रिमांड पर लेकर मोबाइल रिकवर कराने की तैयारी कर रही है.
जांच अधिकारी आज (बुधवार) लखनऊ KGMU पहुंचे. उनके अयोध्या आने के बाद पुलिस DNA टेस्ट के लिए अगले 2-3 दिन में कोर्ट में आवेदन करेगी. अयोध्या CO आशुतोष तिवारी के मुताबिक, कोर्ट से सिर्फ मोईद खान ही नहीं, राजू का भी DNA टेस्ट कराने की अनुमति मांगी जाएगी. बता दें कि, KGMU में रेप केस की पीड़िता का ऑबोशन किया गया है. इसमें भ्रूण का DNA सैंपल भी लिया जा चुका है.
सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बयान में DNA टेस्ट की मांग की थी. उनके बाद सपा के फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद ने भी टेस्ट करने का समर्थन किया. सियासी बयानबाजी के बीच अब DNA टेस्ट की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.
मोईद 12 साल पहले सपा चेयरमैन के संपर्क में आया
मोईद खान का पॉलिटिकल हस्तक्षेप कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ था. कोई पद तो नहीं मिला था, मगर खान पार्टी कार्यालय में बैठने लगा था. कोर्ट कचहरी से लेकर गली-गली में उसको नेताजी कहलाना अच्छा लगता था. उसका राजनीतिक कद तब बढ़ा, जब वो मोहम्मद अहमद और उनके बेटे मो. राशिद के संपर्क में आया. उनके परिवार के लोग लंबे समय से नगर पंचायत में अलग-अलग पदों पर रहे. मोहम्मद अहमद नगर पंचायत चेयरमैन रहे. अभी मो. राशिद नगर पंचायत चेयरमैन है.
मो. अहमद और राशिद के संपर्क में आने के बाद मोईद खान ने न सिर्फ सपा जॉइन की. बल्कि 2012 में मो. राशिद ने ही उसको नगर अध्यक्ष का पद दिलवाया. यह पहला मौका था, जब मोईद के पॉलिटिकल कद पर कोई आधिकारिक ठप्पा लगा. वो जल्द ही फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के करीबियों में शुमार हो गया.
मुस्लिम कम्युनिटी में अपनी पैठ दिखाकर 2014, 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लिए चुनाव की बागडोर मोईद खान संभालता रहा. ऐसे कई मौकों की ढेरों तस्वीरें हैं, जब मोईद खान सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दिख रहा है. वह मोईद के कंधे पर हाथ रखे दिख रहे हैं.
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