बेंगलुरु (कर्नाटक): बेंगलुरु के सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई को जमानत दे दी. एक निजी फर्म के 34 वर्षीय उप महाप्रबंधक अतुल सुभाष ने दिसंबर 2024 को अपने बेंगलुरु अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उनके रिश्तेदारों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक जज ने मामले को "समाधान" करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी.
15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था
इस मामले में कथित आरोपियों- निकिता सिंघानिया, निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. डीसीपी कुमार बेंगलुरु पुलिस के अनुसार, निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया. निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया समेत अन्य आरोपियों को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होटल रामेश्वरम के पास से गिरफ्तार किया गया.
फैसले को चुनौती दी जाएगी
अदालत के फैसले पर बोलते हुए, सरकारी वकील पोन्ना ने कहा कि वे जमानत आदेश से खुश नहीं हैं और इसे चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा, "पत्नी, साला और सास तीनों ही जमानत के लिए सत्र न्यायालय के समक्ष आए थे और अब इसे अनुमति दे दी गई है. हमें अभी आदेश पर विस्तार से विचार करना है. एक बार आदेश पर विस्तार से विचार हो जाने के बाद हमें पता चल जाएगा कि किस आधार पर जमानत दी गई है या कौन सी शर्तें लगाई गई हैं."
पोन्ना ने कहा, "जांच अभी भी लंबित है. उन्हें जमानत आदेश प्राप्त करने में अधिक मेहनत करनी चाहिए थी क्योंकि जांच पूरी किए बिना ही इन याचिकाकर्ताओं को जमानत मिल गई. हम जमानत आदेश से खुश नहीं हैं और इसे चुनौती दी जाएगी."
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