नई दिल्ली : भारत 24 के 'नए भारत की नई उड़ान' कार्यक्रम में शनिवार को कई दिगग्ज पहुंचे. इस खास कार्यक्रम में खास मेहमान कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम आए. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. काग्रेस से खुद के निष्कासन पर भी बात की.
सवाल- काग्रेस से आपका निष्कासन हुआ क्या उसकी वजह सिर्फ राम-मंदिर, सनातन या फिर कुछ और?
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जवाब- मैं इसे साफ-साफ कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी से मुझे निकाला गया, उसके पीछे का कारण सनातन धर्म, राम मंदिर या कुछ और ये आपका सवाल है. सच बात ये है कि सनातन इस देश की आत्मा है. सनातन का विरोध कर के अगर कोई सता हासिल कर भी ले तो ऐसी सता को हम ठोकर मारना चाहते हैं. सनातन का विरोध, राम मंदिर का विरोध, राम का विरोध भारत की संस्कृति और सभ्यता का विरोध है.
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता और अब तो पूरी कांग्रेस पार्टी में ऐसे ही लोगों की भरमार हो गई है जो राम का नाम् लेने से, हिंदू शब्द कहने से, इतनी बड़ी बिडम्बना है इस पार्टी की कि बांग्लादेश के अंदर हमारी बहन बेटियों की इज्जत लूटी जा रही, बलात्कार हो रहा है, मंदिरों को आग लगाई जा रही है लेकिन पूरे विपक्ष में एक भी नेता ऐसा नही है जो भारत की धरती से ये कह दे की साहब बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार हो रहा है. अगर कोई नेता बांग्लादेश पर बयान देता है तो वो ये नही कहता कि बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार हो रहा है वो कहता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. हिंदू शब्द उच्चारण करने से भी इन्हें डर लगता है. जहां सनातन का सम्मान ना हो, जहां राम मंदिर का सम्मान नो हो, जहां भारत की संस्कृति का सम्मान नो हो, जहां भारत की सभ्यता का सम्मान ना हो, तो तुलसीदास जी ने रामायण में लिखा है- जाके प्रिय न राम-बदैही, तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही. यानि, कोई कितना भी प्रिय हो और वो राम और सनातन विरोधी हो उसे दुश्मन के समान त्याग देना चाहिए."
सवाल- कांग्रेस लगातार सता से सिमटती जा रही है, दूर होती जा रही है आचार्य प्रमोद कृष्णम को इसकी वजह समझ में क्या आती है, सीधे-सीधे कहूं तो बिमारी कहां पर है?
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जवाब- राहुल गांधी.
सवाल- और ऐसा क्यों?
जवाब- 2014, 2017, 2019, 2022, 2024 कांग्रेस वो पार्टी थी जिसका पूरे देश में परचम लहराता था, कांग्रेस वो पार्टी थी जिसने इस देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका अदा की वो पार्टा निरंतर सिकुडती जा रही है, निरंतर उसका ग्राफ गिरता जा रहा है तो उसका जिम्मेदार ना तो प्रमोद कृष्णम को ठहराया जा सकता है ना किसी दुसरे को ठहराया जा सकता है, उसका जिम्मेदार वो व्यक्ति है जो फैसले ले रहा है. कांग्रेस के एक अध्यक्ष थे सिताराम केशरी उनको इसलिए हटाया गया था और धक्के मारकर हटाया गया था कि वो सबसे कमजोर अध्यक्ष हैं क्योंकि उनके नेतृत्व में जब चुनाव हुआ 1998 में तो कांग्रेस 140- 141 सीट लेकर आई. जो नेता 140- 141 सीट लेकर आया उसको बेइज्जती कर के निकाला गया, लेकिन जो तीन बार से 42, 47, 57, 99 लेकर आ रहे हैं इन्हें क्यों नही हटाया जा रहा है. जब तक कांग्रेस पार्टी के अंदर राहुल जी की राहु दशा है तब तक इस पार्टी का कुछ नही हो सकता.
ये भी पढ़ें- Kolkata Doctor Rape Case: आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत पांच अन्य का आज होगा पॉलीग्राफ टेस्ट