नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 'पुजारी, ग्रंथी सम्मान योजना' की घोषणा की, जिसके तहत उन्होंने कहा कि मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा के 'ग्रंथियों' को लगभग 18,000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी चुनावों में आप की सरकार के जीतने के बाद यह योजना लागू की जाएगी.
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केजरीवाल ने इसे देश की पहली योजना बताया
केजरीवाल ने कहा, "आज मैं एक योजना के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूं. इस योजना का नाम 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' है. इसके तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रंथियों को मानदेय देने का प्रावधान है. उन्हें लगभग 18,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. ऐसा देश में पहली बार हो रहा है. पुजारी एक ऐसा वर्ग है, जिसने पीढ़ी दर पीढ़ी रीति-रिवाजों को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कभी अपने परिवार पर ध्यान नहीं दिया और हमने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया."
उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि पुजारी हमारी किस तरह सेवा करते हैं. चाहे हमारे बच्चे का जन्मदिन हो या किसी प्रियजन की मृत्यु, उन्होंने हमेशा हमें भगवान से जोड़ा है. लेकिन उन्होंने कभी अपने परिवार पर ध्यान नहीं दिया और न ही हमने उन पर पर्याप्त ध्यान दिया. यह देश में पहली बार हो रहा है. हमने राष्ट्रीय राजधानी में कई ऐसे काम किए हैं जो पहली बार हुए हैं. हमने स्कूलों और अस्पतालों में सुधार किया और महिलाओं के लिए बस यात्रा की सुविधा दी. मुझे उम्मीद है कि भाजपा और कांग्रेस सरकारें इससे सीख लेंगी और अपने द्वारा संचालित राज्यों में ऐसी योजनाओं को लागू करेंगी."
मौजूदा केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने झूठे मामले बनाकर और पुलिस भेजकर महिला सम्मान योजना को रोकने की पूरी कोशिश की. उसी योजना के लिए पंजीकरण अभी भी चल रहा है. उन्होंने संजीवनी योजना को रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं रोक पाए. मैं चाहता हूं कि वे इस योजना के साथ ऐसा न करें.
वेतन में देरी होने पर वक्फ बोर्ड के इमामों का प्रदर्शन
इससे पहले सोमवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों ने वेतन जारी होने में देरी को लेकर अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के चेयरमैन साजिद रशीदी ने दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों को वेतन जारी करने में हो रही देरी पर निराशा जताई. रशीदी ने कहा कि उन्हें पिछले 17 महीनों से वेतन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वे लगातार सरकार के कई अधिकारियों और नेताओं से मिल रहे हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
रशीदी ने दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनका वेतन मंजूर नहीं किया गया तो इमाम यहीं धरने पर बैठेंगे और तब तक नहीं उठेंगे जब तक उन्हें वेतन नहीं मिल जाता.
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